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"कोई भी डरा हुआ नहीं है": 24 घंटे में अमेठी और रायबरेली पर होगा फैसला - कांग्रेस

अमेठी और रायबरेली कांग्रेस की पारंपरिक सीटों में से एक है. रायबरेली से जहां सोनिया गांधी चुनाव जीतती रही हैं वहीं अमेठी से कांग्रेस के राहुल गांधी कई बार चुनाव जीत चुके है. हालांकि, पिछली दफा उन्हें स्मृति ईरानी ने हरा दिया था.

"कोई भी डरा हुआ नहीं है": 24 घंटे में अमेठी और रायबरेली पर होगा फैसला - कांग्रेस
अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर जल्द फैसला करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत प्रचार अभियान जोरों पर है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस समेत देश की तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी है. लेकिन इन सब के बीच देश की जनता और खास तौर पर अमेठी और रायबरेली की जनता की नजर कांग्रेस हाइकमान के उस फैसले पर भी टिकी है, जिसके तहत अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस अपने उम्मीदवार के नाम की औपचारिक घोषणा करेगी.

"समय आने पर होगा फैसला"

आपको बता दें कि ये दोनों सीट बीते कई दशकों से कांग्रेस के अहम सीट मानी जाती रही है. इन सब के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा यह पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तय करेंगे. और इसका ऐलान अगले 24 घंटे में हो जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई इस तरह की बातें कर रहा है कि हम अमेठी या रायबरेली में उम्मीदवार उतारने को लेकर डरे हुए हैं तो ये सरासर गलत है. ऐसा कुछ भी नही है. समय आने पर हम उम्मीदवारों की घोषणा भी करेंगे.

गौरतलब है कि अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी इसे लेकर बीते कई दिनों से चर्चाएं तेज हैं. सूत्रों से मिल रही जानकार के अनुसार पार्टी इस बार रायबरेली से राहुल गांधी को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. जबकि प्रियंका गांधी अभी और कुछ दिन सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए रख सकती है.

हालांकि, कांग्रेस हाईकमान की तरफ से अभी तक इस तरह की कोई औपराचरिक घोषणा नहीं की गई है. आपको बता दें कि राहुल गांधी मौजूदा समय में वायनाड से भी सांसद हैं. 

जयराम रमेश ने कांग्रेस के घोषणापत्र न्याय पत्र पर भी बात की. उन्होंने कहा कि आज श्रमिक दिवस है. हमने अपने 'न्याय पत्र'में 400 रुपए कम से कम मनरेगा में मजदूरी देने का वादा किया है. साथ ही श्रमिकों के लिये 25 लाख का हेल्थ कवर भी दिया जाएगा. वर्ष 2006 में जैसे मनरेगा पारित किया था वैसा ही देश मे शहरी रोजगार क़ानून बनाएंगे. असंगठित क्षेत्र के लिये सामाजिक सुरक्षा क़ानून बनाएंगे. सुरक्षित रोजगार होगा. हम आने वाले समय में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को बंद करेंगे.

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