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This Article is From Apr 29, 2020

Lockdown: कर्मचारी घिरे आर्थिक संकट में, करीब 13 लाख ने EPFO से अपने पैसे निकाले

Coronavirus Lockdown: कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ने COVID-19 से जुड़े भुगतान के 7.40 लाख केसों का निपटारा किया

Lockdown: कर्मचारी घिरे आर्थिक संकट में, करीब 13 लाख ने EPFO से अपने पैसे निकाले
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से आर्थिक संकट बड़ा होता जा रहा है. साथ ही निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की मुश्किलें और संकट भी. श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले करीब एक महीने में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) से करीब 13 लाख लोगों ने अपने पैसे निकाल लिए हैं. इनमें  COVID-19 से जुड़े 7.40 लाख निपटान शामिल हैं. 

लॉकडाउन के कारण छोटे-छोटे काम धंधे से लेकर बड़े-बड़े उद्योग तक बंद हैं. इसकी सबसे ज़्यादा मार कामगारों  पर पड़ी है. नतीजा सबसे अनमोल बचत पर पड़ा है. बड़ी तादाद में लोगों ने पीएफ निकाला है.  श्रम मंत्रालय के मुताबिक ईपीएफओ ने रिकॉर्ड भुगतान किया है. 

पिछले करीब एक महीने में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने करीब 12.91 लाख दावों का निपटारा किया है. इनमें प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना (पीएमजीकेवाई) पैकेज के तहत COVID-19 से जुड़े 7.40 लाख दावों का निपटान शामिल है. इसमें पीएमजीकेवाई पैकेज के अंतर्गत 2367.65 करोड़ रुपये के कोविड दावों सहित कुल 4684.52 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.

लॉकडाउन के कारण केवल एक तिहाई कर्मचारियों के काम करने में सक्षम होने के बावजूद, ईपीएफओ इस कठिन परिस्थिति के दौरान अपने सदस्यों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस मुश्किल समय के दौरान ईपीएफओ कार्यालय उनकी मदद करने के लिए कार्य कर रहे हैं.

दरअसल कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना  पैकेज के तहत ईपीएफ से विशेष निकासी की सुविधा जरूरतमंद कर्मचारियों को दी है. ये दिखाता है कि कर्मचारियों में आर्थिक अनिश्चित्तता किस तरह बढ़ रही है. 

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (CMIE) की ताज़ा रिपोर्ट (28 April, 2020) के मुताबिक मार्च 2020 में देश में 43.4 करोड़ मज़दूर थे जो घटकर 36.2 करोड़ रह गए हैं. इनमें से 21.1 % बेरोज़गार थे. इस हफ्ते नौकरी खोजने वाले बेरोज़गारों की संख्या 7. 6 करोड़ थी.

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