एनडीए को सहयोगी दलों की चिंताओं को सम्मानजनक तरीके से दूर करना चाहिए. चिराग पासवान के इस बयान के बाद अब बीजेपी फायर-फाइटिंग में जुट गयी है. आज अरुण जेटली चिराग पासवान से मिले. "बातचीत चल रही है...सही समय पर बोलूंगा", लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने संसद में बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर ये बात कही. दरअसल शुक्रवार को राम विलास पासवान बेटे चिराग के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने पहुंचे. बात शुरू हुई, लेकिन पूरी नहीं हुई. लोक जनशक्ति पार्टी अब भी कह रही है कि किसी समझौते में उसका सम्मान हो. लोजपा सांसद रामचंद पासवान ने एनडीटीवी से कहा, "सीट बंटवारा सम्मानजनक होना चाहिए. वो सम्मानजनक मिलेगा. हम साथ में हैं, साथ में चुनाव लड़ेंगे. बातचीत संतोषजनक हुई है. जल्दी ही बातचीत पूरी हो जाएगी. नीतीश कुमार दिल्ली आ रहे हैं, उसके बाद फाइनल होगा.''
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि पासवान बिहार में 6 लोकसभा सीटें और एक राज्यसभा सीट चाहते हैं. बीजेपी 6 लोकसभा सीट देने को तैयार है लेकिन राज्यसभा सीट को लेकर हिचक है. नीतीश का कहना है, अगर लोजपा को राज्यसभा की सीट देने का वादा है तो बीजेपी अपने खाते से दे.
बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने दावा किया है कि लोजपा पूरी तरह से बीजेपी के साथ रहेगी. जद-यू नेता के सी त्यागी ने भी उम्मीद जताई है कि सीटों के बंटवारे पर जल्दी ही समझौता हो जाएगा.
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लोजपा के एक अन्य नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि बातचीत सकारात्मक रही है और उन्हें जल्द समाधान होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि सब कुछ ठीक रहता है तो हम बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से छह पर चुनाव लड़ेंगे.'' लोजपा को यदि छह सीटें मिलती हैं जितनी उसने 2014 के चुनाव में जीती थीं तब भाजपा एवं उसकी सहयोगी जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार हैं जो बिहार के मुख्यमंत्री भी हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इससे पहले घोषणा की थी कि उनकी पार्टी एवं जदयू राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बिहार में बराबर संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. बिहार में भाजपा नीत राजग ने 2014 के आम चुनाव में 31 सीटें जीती थीं.
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भाजपा की ओर से लोजपा के साथ बातचीत के लिए जेटली को लगाये जाने से पासवान की पार्टी के साथ गठबंधन जारी रखने को भाजपा द्वारा दिया जाने वाला महत्व रेखांकित होता है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और जेटली सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और उनके पुत्र के साथ गुरुवार को एक घंटे की मुलाकात की ताकि उनके मतभेदों को दूर किया जा सके. चिराग पासवान ने इससे पहले जेटली को पत्र लिखकर यह समझाने के लिए कहा था कि नोटबंदी से देश को क्या लाभ हुए. उन्होंने यह भी ट्वीट किया था कि सीट बंटवारे की घोषणा में देरी से सत्ताधारी गठबंधन को नुकसान हो सकता है.
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