5 years ago
रायपुर:
छत्तीसगढ़ सरकार का एक साल पूरा हो चुका है, ऐसे में सरकार के कामकाज का आंकलन करना जरूरी हो जाता है. भूपेश बघेल सरकार के काम काज को लेकर एनडीटीवी ने बातचीत की. जहां सीएम भूपेश बघेल ने दावा किया कि जहां पूरे देश में मंदी का असर देखने को मिल रहा है तो वहीं हमारा राज्य इस मंदी से दूर है. देश के तमाम मुद्दों से लेकर छत्तीसगढ़ के मॉडल को लेकर उन्होंने काफी कुछ कहा.
पंचायतों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आने वाले समय में इसे जरूर करेंगे.
शराबबंदी के सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि हम उसका आंकलन कर रहे हैं, चरणबद्ध तरीके से इसको खत्म किया जाएगा. हम इस फैसले को नोटबंदी की तरह लागू नहीं करते हैं कि लोग मर जाएं. हमें डर है कि हमारे फैसले से कहीं उन लोगों की जान न चली जाए जो इसकी बुरी आदत के शिकार हैं. इसलिए हम अभियान के तहत इसे खत्म करेंगा. 5 साल का एजेंडा है और अभी सिर्फ एक साल ही हुआ है.
आरएसएस सुविधा के अनुसार लोगों को बाहर कर देते हैं. इन लोगों ने गोडसे को अपना नहीं माना था. यह आरएसएस की प्रवृति रही है कि जब सुविधा होती है तो लोगों का इस्तेमाल करते हैं और जब मौका आता है तो बाहर निकाल देते हैं.
बीजेपी भूल रही है कि उनके नेता छात्र राजनीति के माध्यम से आए हैं लेकिन आज वो खुद छात्रों की राजनीति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, सरकार के प्रति लोगों में इतनी नाराजगी है कि पूरा देश आज सड़कों पर उतरे हुए हैं.
बीजेपी और कांग्रेस के राष्ट्रवाद में अंतर है. हमारे राम वह राम हैं जो सबरी और कौशल्या के राम हैं. हमारे राम हर जगह व्याप्त हैं. लेकिन बीजेपी के राम... युद्धक राम हैं.
पहले हमारे राज्यों में जिन लोगों ने गौशालाएं खोली थी वो लोग खुद तो मोटे हो गए लेकिन गाय मरती चली गईं. आरएसएस प्रमुख जब छत्तीसगढ़ आए थे तो हमनें उन्हें बताया कि आपके लोग गायों की हत्या कर रहे हैं. और गायों की सेवा का दावा करने वाली पार्टी में वो लोग पदाधिकारी हैं जो गायों की तस्करी के आरोपी हैं.
सिर्फ नरेंद्र कह देने से कोई विवेकानंद नहीं हो जाता है. विवेकानंद की जंयती पर उनके आश्रम जाने से आपको पीआर तो मिल सकता है लेकिन आप उनके रास्ते पर नहीं चल रहे हैं. स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मैं उस देश से आया हूं जहां दुनिया भर से सताए हर धर्म और जाति के लोगों को आसरा दिया जाता है. और पीएम मोदी क्या कर रहे हैं... जाति और धर्म पूछकर लोगों को आश्रय दे रहे हैं.
CAA में सबको लाइन में लगना पड़ेगा, आप असम की समस्या का निराकरण कीजिए, उसके लिए पूरे देश को लाइन में खड़ा कर देने की क्या जरूरत है.
भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार में अब पीएम मोदी की नहीं चलती है.
CAA का दुनिया भर में विरोध हो रहा है. विदेशों में भारत की छवि खराब हो रही है, असम में जो समस्या थी उसको वहीं छोड़ दिया.
अगर कांग्रेस की सरकार केंद्र में होती तो कभी भी नोटबंदी नहीं होती और न ही जीएसटी इस तरह से लागू की जाती. पिछले 5 साल पीएम मोदी का था, यह जो 7 महीने का समय है यह अमित शाह का है.
भूपेश बघेल ने पूछा कि सरकार को बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्या दिक्कत है, दुनिया में बहुत सारे देश हैं जहां अब भी बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं.
EVM की गड़बड़ी से छत्तीसढ़ में बीजेपी को जीत मिली, अगर यह चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जाते तो नतीजे कुछ और होते. बीजेपी EVM की चोरी विधानसभा चुनावों में नहीं करते हैं, क्योंकि अगर चोर हर रोज चोरी करेगा तो पकड़ा जाएगा. अभी नगरी निकाय चुनावों में सभी मतदान बैलेट पेपर से हुआ. कोई दिक्कत नहीं आई.
पानी की कमी न पीने की हो और न सिंचाई की हो, इस दिशा में हम काम कर रहे हैं.
नक्सल से निपटने के लिए पहले हमें कुपोषण से निपटना होगा. क्योंकि अगर बच्चे कुपोषित रहेंगे, महिलाएं कुपोषित रहेंगे तो सरकारी योजनाओं तक पहुंच ही नहीं पाएंगे. ऐसे में हमने नक्सल प्रभावित इलाकों में क्लिनिक योजना चलाई है. ताकि वहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा स्वस्थ रख सकें और इसमें सरकार को कामयाबी भी मिली है.
संगीत और नृत्य छत्तीसगढ़ की परंपरा है, खेल लोगों को जोड़ता है. इसलिए हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में अपनी संस्कृति को बढ़ावा देना भी शुमार है, ताकि लोग बदलाव के साथ अपनी संस्कृति से भी जुड़े रहे.
छत्तीसगढ़ की संस्कृति बहुत पुरानी है, हमारे यहां लोगों के रोम-रोम में बसे हैं राम. हमारी सरकार ने इस संस्कृति को सहेजने का काम किया जिसकी वजह से लोगों को लगने लगा कि यह सरकार उनकी सरकार है.
पूर्व की सरकार में कमीशन चलता था, रमन सरकार के समय अधिकारियों के यहां स्वीमिंग पुल बन रहे थे, बस्तर में रहने वाला गरीब आदमी उन बिल्डिंगों में जाने से डरता है. हमारी सरकार व्यक्ति केंद्रित है, हम लोगों के हिसाब से काम कर रहे हैं.
हमने तय किया है दंतेवाड़ा को सुपोषित जिला बनाएंगे और उसे विकास की राह पर लेकर आएंगे.
या तो आप लोगों को हल पकड़ा दें, नहीं तो वह खुद से बंदूक पकड़ लेगा. हम नक्सल प्रभावित इलाकों में स्कूल खोल रहे हैं, शिक्षकों की भर्ती कर रहे हैं. लोगों का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ रहा है.
गलत तरीके से जेल में भरे गए लोगों को रिहा किया गया.
नक्सली घटनाओं में 40 फीसदी की कमी आई, 50 फीसदी कमी आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में आई है.