एक साल से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान अब घर वापसी करेंगे. किसानों ने अपना आंदोलन ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है. 11 दिसंबर से किसान अपने-अपने घरों के लिए रवानगी भरेंगे. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा मांगों पर नरम रुख अपनाने पर किसानों ने भी आंदोलन को समाप्त करने का मन बनाया है. किसान संगठनों ने आज शाम 5: 30 बजे फतह अरदास और 11 दिसंबर को सिंघु और टिकरी धरना स्थल पर फतह मार्च की योजना बनाई है. किसानों के आंदोलन खत्म करने के फैसले की किसान नेता राकेश टिकैत ने भी पुष्टि की है.
राकेश टिकैत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि वे 13 को अमृतसर में मत्था टेकेंगे फिर 14 को घर जाएंगे. उन्होंने कहा, ''मैं एक साल से अपने घर नहीं गया.'' जब उनसे पूछा गया कि क्या आप लोग अपना मिशन यूपी ख़त्म कर रहे हैं ? या बीजेपी का बॉयकॉट जारी रखेंगे? तो उन्होंने कहा, ''हम अभी कुछ नहीं बोलेंगे. हम यूपी में चुनाव में क्या करेंगे, इसका ऐलान जिस दिन आचार संहिता लगेगी उस दिन करेंगे. पर मैं साफ़ कर दूं कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. संयुक्त किसान मोर्चा के लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे. जो चुनाव लड़ेंगे उन्हें रोक भी नहीं सकते.''
इससे पहले खबर आई थी कि आंदोलन खत्म करने के बाद आगामी 15 दिसंबर को किसान नेता अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जाकर मत्था टेकेंगे. 15 जनवरी को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में फिर बैठक करेगा.
सरकार की ओर से किसान संगठनों को भेजे पत्र में ये बातें...
- सरकार MSP की गारंटी पर समिति बनाएगी जिसमें SKM से किसान नेता शामिल होंगे
- देश भर में हुए किसानों पर मुक़दमे वापस होंगे
- सरकार मृत किसानों को मुआवज़ा देगी
- बिजली बिल को सरकार SKM से चर्चा करने के बाद संसद में लाएगी
- पराली जलाने पर किसानों पर कार्यवाही नहीं होगी
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