प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
मौसम विभाग ने कहा है कि ‘‘सामान्य से नीचे’’ रहने के साथ ही रविवार को मॉनसून की विदाई हो गई. इस मॉनसून में देश में नौ प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गयी. मौसम विभाग ने बताया कि बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में इस मॉनसून में बारिश की सबसे अधिक कमी दर्ज की गयी. विभाग ने कहा है कि लगातार दूसरा साल है जब मानसून में सामान्य से कम बारिश हुई है और अब यह वापस लौट गया है. इस साल केरल में मॉनसून के दौरान अप्रत्याशित बारिश हुई. इस वजह से राज्य को पिछले 100 साल में सबसे विनाशक बाढ़ का सामना करना पड़ा था जिसमें सैकड़ों लोग बह गए.
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मॉनसून ने मौसम विभाग के उस अनुमान को भी गलत साबित कर दिया जिसमें विभाग ने कहा था कि इस साल देश में सामान्य बारिश होगी. विभाग ने बताया कि शनिवार 29 सितंबर को मानसून वापस लौट गया. दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने अपने सामान्य समय से तीन दिन पहले 28 मई को केरल में दस्तक दी थी. फसलों की सिंचाई, जलाशयों में जलापूर्ति के लिए यह मानसून एक प्रमुख स्रोत है. मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि आधिकारिक रूप से मानसून वापस हो गया है लेकिन गोवा और महाराष्ट्र तथा कुछ अन्य राज्यों में अक्टूबर के पहले हफ्ते में बारिश हो सकती है.
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विभाग के अनुसार, देश में इस मॉनसून में 91 फीसदी बारिश दर्ज की गयी है जो सामान्य स्तर से नीचे है. सभी चार मौसम संभागों ने सामान्य से नीचे बारिश दर्ज की है. पूर्व और पूर्वोत्तर मौसम संभागों में बारिश की सबसे अधिक कमी दर्ज की गयी है जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्य आते हैं. इसके बाद मध्य भारत का स्थान है जहां सात फीसदी कम बारिश दर्ज की गयी है.
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मॉनसून ने मौसम विभाग के उस अनुमान को भी गलत साबित कर दिया जिसमें विभाग ने कहा था कि इस साल देश में सामान्य बारिश होगी. विभाग ने बताया कि शनिवार 29 सितंबर को मानसून वापस लौट गया. दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने अपने सामान्य समय से तीन दिन पहले 28 मई को केरल में दस्तक दी थी. फसलों की सिंचाई, जलाशयों में जलापूर्ति के लिए यह मानसून एक प्रमुख स्रोत है. मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि आधिकारिक रूप से मानसून वापस हो गया है लेकिन गोवा और महाराष्ट्र तथा कुछ अन्य राज्यों में अक्टूबर के पहले हफ्ते में बारिश हो सकती है.
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विभाग के अनुसार, देश में इस मॉनसून में 91 फीसदी बारिश दर्ज की गयी है जो सामान्य स्तर से नीचे है. सभी चार मौसम संभागों ने सामान्य से नीचे बारिश दर्ज की है. पूर्व और पूर्वोत्तर मौसम संभागों में बारिश की सबसे अधिक कमी दर्ज की गयी है जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्य आते हैं. इसके बाद मध्य भारत का स्थान है जहां सात फीसदी कम बारिश दर्ज की गयी है.
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