Lalsot Election Results 2023: जानें, ललसौत (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

ललसौत विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 225430 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 88828 ने कांग्रेस उम्मीदवार परसादी लाल को वोट देकर जिताया था, जबकि 79754 वोट पा सके भाजपा प्रत्याशी रामविलास 9074 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Lalsot Election Results 2023: जानें, ललसौत (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के पूर्व क्षेत्र में मौजूद है दौसा जिला, जहां बसा है ललसौत विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 225430 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार परसादी लाल को 88828 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि भाजपा उम्मीदवार रामविलास को 79754 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 9074 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में ललसौत विधानसभा सीट से एनपीपी उम्मीदवार किरोड़ी लाल ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 43887 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार परसादी लाल को 43396 वोट मिल पाए थे, और वह 491 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में ललसौत विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार परसादी लाल को कुल 49263 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि सपा प्रत्याशी बाबूलाल डांका दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 32258 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 17005 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.