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चंद्र ग्रहण और सूतक काल में अजब संयोग! 3 बार की कोशिश पर भी न हो पाया लालबाग के राजा का विसर्जन

बीएमसी ने बताया कि इस बार विसर्जन के लिए करीब 10 हजार कर्मचारियों का बल तैनात रहा. शहर भर में बने 290 से अधिक कृत्रिम तालाबों में बड़ी संख्या में मूर्तियों का विसर्जन किया गया.

चंद्र ग्रहण और सूतक काल में अजब संयोग! 3 बार की कोशिश पर भी न हो पाया लालबाग के राजा का विसर्जन
  • लालबागचा राजा का विसर्जन मुंबई में आठ किलोमीटर के सफर में 20 घंटे तक की धीमी रफ्तार से होता है.
  • मुंबई में इस बार अनंत चतुर्दशी का गणेश विसर्जन बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.
  • इस वर्ष मुंबई में कुल एक लाख सत्तानवे हजार सौ चौदह मूर्तियों का विसर्जन हुआ.
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मुंबई:

देश दुनिया में चंद्र ग्रहण और सूतक के साए के बीच मुंबई में रविवार को तीन बार की कोशिश के बाद भी लाल बाग के राजा का विसर्जन नहीं हो पाया. जैसे ही लालबाग के राजा की मूर्ति समुद्र किनारे पहुंची, उसी समय समुद्र में हाई टाइड की वजह से जलस्तर बढ़ने लगा और लहरें तेज होती गईं. इसके चलते विसर्जन टाल दिया गया. मंडल की ओर से विसर्जन के लिए खास ऑटोमेटिक फ्लोट तैयार किया गया था. लेकिन ऊंची लहरों के बीच इसका इस्तेमाल जोखिम भरा साबित हो सकता था. इसके चलते मूर्ति को समुद्र में थोड़ा अंदर ले जाकर रोक दिया गया. इस दौरान मूर्ति का आधा हिस्सा पानी में डूबा हुआ दिखाई दिया.

क्यों टल रहा विसर्जन

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सुबह से ही गिरगांव चौपाटी पर हजारों लोगों की भीड़ मौजूद है. ज्वार कम होने के बाद, लालबागचा राजा की मूर्ति को फ्लोट पर रखा जाएगा. मंडल ने साफ किया है कि समुद्र की लहरें शांत होने और पानी उतरने के बाद ही प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. इस बीच अन्य मंडलों की प्रतिमाओं का विसर्जन जारी है और भक्त लालबाग के राजा के दर्शन के लिए चौपाटी पर डटे हुए हैं.

मुंबई के सबसे मशहूर गणपति लाल बाग के राजा अपने अपने पंडाल से गिरगांव चौपाटी तक का सफर पूरा करने में 20 घंटे से ज्यादा का वक्त लेते हैं. यह फासला महज आठ किलोमीटर का ही है. इस धीमी रफ्तार के पीछे कई सालों से चली आ रही कुछ परंपराएं हैं. मगर इस बार ये समय-सीमा भी पार कर गई है.

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बीएमसी आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगराणी ने सभी मुंबईकरों और गणेश भक्तों का आभार जताते हुए कहा कि इस वर्ष गणेशोत्सव में कुल 1,97,114 मूर्तियों का विसर्जन किया गया. इनमें से 1,81,375 घरगुती, 10,148 सार्वजनिक गणेशमूर्तियां और 5,591 गौरी-हरतालिका की मूर्तियां शामिल हैं.

नगरपालिका के अनुसार, नागरिकों ने इस बार पर्यावरण-पूरक विसर्जन को प्राथमिकता दी. शहर भर में बने 290 से अधिक कृत्रिम तालाबों में बड़ी संख्या में मूर्तियों का विसर्जन किया गया.

बीएमसी ने बताया कि इस बार विसर्जन के लिए करीब 10 हजार कर्मचारियों का बल तैनात रहा. 70 प्राकृतिक स्थल और 290 कृत्रिम तालाबों के अलावा, 66 जर्मन राफ्ट, 1200 से ज्यादा स्टील प्लेट, 2178 लाइफगार्ड, 56 मोटरबोट, 594 निर्माल्य कलश, 307 गाड़ियां, 245 नियंत्रण कक्ष, 129 निगरानी मनोरे, 42 क्रेन, 287 स्वागत कक्ष, 236 प्राथमिक उपचार केंद्र और 115 एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई.

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आंकड़े
    •    दीड दिवस विसर्जन – 60,434 मूर्तियां
    •    पांच दिन – 40,230
    •    सात दिन – 59,704
    •    ग्यारह दिन – 36,746

कुल: 1,97,114 मूर्तियां

सिर्फ ग्यारहवें दिन (7 सितंबर शाम 6 बजे तक) 36,746 मूर्तियों का विसर्जन हुआ, जिनमें 5,937 सार्वजनिक और 30,490 घरगुती गणेशमूर्तियां शामिल थीं. बीएमसी ने बताया कि गणेशोत्सव के दौरान 508 मीट्रिक टन निर्माल्य (पूजा-सामग्री) इकट्ठा किया गया, जिसे वैज्ञानिक पद्धति से प्रोसेस किया जाएगा.

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