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लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत पर एम्स ने दिया क्या अपेडट? यहां जानिए

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री को एम्स के पुराने निजी वार्ड में भर्ती कराया गया है और बताया जा रहा है कि यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं.

लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत पर एम्स ने दिया क्या अपेडट? यहां जानिए
डॉक्टर्स की देखरेख में आडवाणी
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्ग्ज और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बुधवार देर रात दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया. एक सूत्र ने रात ही बताया, ‘‘उनकी हालत स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है.'' पूर्व उप प्रधानमंत्री को एम्स के पुराने निजी वार्ड में भर्ती कराया गया है और बताया जा रहा है कि यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं. हालांकि, उनकी बीमारी के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.

आडवाणी की सेहत पर एम्स का क्या अपेडट

एम्स के बयान में बताया गया, 'लालकृष्ण आडवाणी को एम्स में भर्ती कराया गया है और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है. उन्हें डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया हैं.' इस हेल्थ अपडेट के अलावा एम्स की तरफ से कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी. कुछ रिपोर्टों में बताया गया कि आडवाणी को देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें अस्पताल के जेरियाट्रिक डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट की निगरानी में रखा गया है. दिग्गज नेता बढ़ती उम्र में कुछ संबंधी स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. 

एम्स के मुताबिक लालकृष्ण आडवाणी को एम्स में भर्ती कराया गया है और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है. उन्हें डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया हैं.

आडवाणी की निजी जिंदगी से जुड़ी खास बातें

लाल कृष्ण आडवाणी देश के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था. उनके पिता का नाम डी अडवाणी और मां का नाम ज्ञानी आडवाणी है.  उन्होंने 25 फरवरी 1965 को कमला नाम की महिला से शादी की. इस शादी से उनके दो बच्चे हैं, बेटी का नाम प्रतिभा है. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट प्रैट्रिस स्कूल से पूरी की. विभाजन के बाद उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की.

उतार-चढ़ाव से भरा रहा आडवाणी का राजनीतिक सफर

लाल कृष्ण आडवणी का राजनीतिक सफर कई उतार-चढाव से भरा रहा. साल 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जब जनसंघ की स्थापना की, तब से साल 1957 तक आडवाणी पार्टी सचिव रहे. इसके बाद 1973 से 1977 तक उन्होंने जनसंघ में अध्यक्ष पद पर सेवा दीं. फिर साल 1980 में जब बीजेपी की स्थापना हुई तब वह इसके संस्थापक सदस्य थे. साल 1980 से 1986 तक बीजेपी के महासचिव रहे. 1986 से 1991 तक उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष का पद संभाला अध्यक्ष रहे.

रथ यात्रा से आडवाणी ने देशभर में बनाई अलग पहचान

आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष रहे. वह 5 बार लोकसभा सांसद और 4 बार राज्यसभा सांसद रहे. साल 1977 से 1979 तक वह पहली बार केंद्र में मंत्री बने. तब उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार संभाला. लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा शुरू की थी,  जिसकी वजह से देश की राजनीति में हिंदुत्व की राजनीति ने उभरना शुरू किया. रथ यात्रा की बदौलत आडवाणी ने देशभर में अलग पहचान बनाई.

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