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This Article is From Mar 04, 2022

लखीमपुर खीरी मामला: आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार

याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई है. कार से कुचले गए मृतक किसानों के परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. 

लखीमपुर खीरी मामला: आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार
आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. इस मामले में अब 11 मार्च को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित करे कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जब्त कर लिया है. दरअसल CJI एन वी रमना की बेंच को प्रशांत भूषण ने बताया था कि मिश्रा को जमानत मिलने के बाद अन्य आरोपी भी हाईकोर्ट पहुंच रहे हैं और ऐसे में इसे रोका जाना चाहिए.  

इस मामले में किसानों के पीड़ित परिवार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई है. कार से कुचले गए मृतक किसानों के परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. 

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वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि  परिवार के सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर किया गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने में विफल रही है. आदेश के गुण-दोष पर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने जमानत देते समय मिश्रा के खिलाफ बड़े सबूतों पर विचार नहीं किया क्योंकि उसके खिलाफ चार्जशीट रिकॉर्ड में नहीं लाई गई. हाईकोर्ट  ने अपराध की जघन्य प्रकृति, चार्जशीट  में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत, पीड़ित और गवाहों के संदर्भ में आरोपी की स्थिति की संभावना पर विचार किए बिना जमानत दी थी. आरोपी न्याय से भाग रहा है और अपराध को दोहरा रहा है. साथ ही उसके न्याय के रास्ते में बाधा डालने की संभावना है. 

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याचिका में यह भी कहा गया है कि पीड़ितों को संबंधित सामग्री को हाईकोर्ट के संज्ञान में लाने से रोका गया क्योंकि उनके वकील 18 जनवरी, 2022 को जमानत मामले की सुनवाई से अलग हो गए थे. याचिका में कहा गया है कि वकील मुश्किल से कोई दलील दे सके और दोबारा कनेक्ट होने के लिए कोर्ट स्टाफ को बार-बार कॉल करने से कोई फायदा नहीं हुआ और पीड़ितों द्वारा हाईकोर्ट में प्रभावी सुनवाई के लिए दायर अर्जी खारिज कर दी गई. 

इससे पहले आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने के लिए एक और अर्जी दाखिल की गई थी, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले पर रोक की मांग की गई थी. यह अर्जी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता वकील शिव कुमार त्रिपाठी और CS पांडा ने दाखिल की है. 

मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आ गया है. किसानों को अपनी जीप से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई थी. आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. 

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