केरल श्रमजीवी पत्रकार संघ (केयूडब्ल्यूजे) ने पत्रकार सिद्दिकी कप्पन के विरूद्ध उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दााखिल किये गये आरोपपत्र पर आश्चर्य प्रकट किया है जिसमें दिल्ली के इस पत्रकार द्वारा दी गयी खबरों एवं साक्षात्कारों को कथित रूप से शामिल किया गया है. केयूडब्ल्यूजे ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई कुछ नहीं बल्कि ‘पत्रकारिता को अपराध' मानना है.
खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश के विशेष कार्यबल द्वारा दाखिल किये गये 5000 पन्नों के आरोप पत्र में कप्पन की खबरें एवं आलेख भी हैं.
केयूडब्ल्यूजे ने एक बयान में कहा, ‘‘ यह संविधान में दी गयी अभिव्यक्ति की आजादी की गांरटी की भावना के विरूद्ध है. हम माननीय उच्चतम न्यायालय से इस मामल में दखल देने और उत्तर प्रदेश पुलिस के शर्मनाक कृत्य को खारिज करने की अपील करते हैं. ''
उसने यह भी कहा है कि उसे इस बात का भी रंज है कि आरोपपत्र की प्रति सिद्दिकी कप्पन को नहीं दी गयी जबकि वह करीब एक साल से जेल में है.
दिल्ली में कार्यरत कप्पन एवं तीन अन्य को पिछले साल पांच अक्टूबर को मथुरा पुलिस द्वारा तब गिरफ्तार किया गया था जब वे एक दलित लड़की के परिवार से मिलने हाथरस के एक गांव जा रहे थे. इस लड़की ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का शिकार होने के बाद उपचार के दौरान एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं