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पत्रकार सिद्दीक कप्पन को SC से मिली बेल, योगी सरकार ये कहकर कर रही थी जमानत का विरोध
- Friday September 9, 2022
वहीं यूपी सरकार ने कप्पन की जमानत का विरोध किया था. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि कप्पन के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसका एक राष्ट्र विरोधी एजेंडा है.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका, यूपी सरकार ने किया विरोध
- Tuesday September 6, 2022
केरल (Kerala) के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) की जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. यूपी सरकार (UP government) ने कप्पन की जमानत का विरोध किया. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में सरकार ने कहा है कि कप्पन के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसका एक राष्ट्र विरोधी एजेंडा है. सिद्दीकी कप्पन देश में धार्मिक कलह और आतंक फैलाने की बड़ी साजिश का हिस्सा है.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका, 26 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
- Wednesday August 24, 2022
पत्रकार कप्पन को अक्टूबर 2020 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप व हत्या के मामले में हाथरस जा रहे थे. उसी दौरान कप्पन के खिलाफ यूएपीए (UAPA Act) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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हाथरस कांड : पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने यूपी सरकार के खिलाफ SC में अवमानना याचिका दाखिल की
- Thursday October 7, 2021
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल से इलाज के लिए दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. हाथरस कांड में सिद्दीकी कप्पन को यूपी पुलिस ने 3 लोगों के साथ गिरफ्तार किया था.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन, साथियों पर से शांतिभंग का आशंका का केस बंद, यह है कारण..
- Wednesday June 16, 2021
हाथरस रेप कांड के बाद पिछले साल 5 अक्टूबर को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन, अपने दो साथियों मसूद और अतीकुर्रहमान के साथ हाथरस जा रहे थे. एक ट्रैवल एजेंसी से ली गयी उनकी गाड़ी आलम नाम का ड्राइवर चला रहा था. मथुरा पुलिस ने कप्पन, उनके साथियों और ड्राइवर पर शांति भंग की आशंका में CRPC की दफा 107,116 और 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था.
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जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन का AIIMS या दिल्ली के किसी अस्पताल में कराया जाए इलाज : UP सरकार से SC
- Wednesday April 28, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को पत्रकार सिद्दीक कप्पन को स्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि कप्पन को दिल्ली AIIMS या फिर किसी अन्य अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराएं. हालॉकि सिद्दीक को जमानत के लिए समुचित कोर्ट के सामने अपील करनी होगी. कप्पन को पिछले साल हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था जहां एक दलित युवती की कथित गैंगरेप के बाद मौत हो गई थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पत्रकार कप्पन का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा, कल होगी सुनवाई
- Tuesday April 27, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गैरकानूनी गतिविधि रोकाथाम कानून (UAPA) के तहत गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा है. इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने याचिका का विरोध किया और कहा कि नियमित जमानत याचिका दाखिल हो, कप्पन की ओर से कहा गया कि उसे अस्पताल के बेड पर चेन से बांधा गया है. जिसे यूपी सरकार ने गलत बताया है.
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हाथरस जाते गिरफ्तार पत्रकार सिद्दिकी को मां से मिलने की इजाजत, सुप्रीम कोर्ट ने दी 5 दिन की जमानत
- Monday February 15, 2021
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान कप्पन सोशल मीडिया समेत मीडिया को कोई इंटरव्यू नहीं देंगे. पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन भी थे. पीठ ने कहा कि कप्पन अपने परिजन और संबंधित डॉक्टरों के अलावा किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलेंगे.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की याचिका SC में फिर टली, जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई
- Monday December 14, 2020
सिद्दीक कप्पन को रिहा करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी के तीसरे हफ्ते के लिए टाल दी है. याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने यूपी सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा था.
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सिद्दीक कप्पन की रिहाई का मामला : SC को एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर ऐतराज, फिर टली सुनवाई
- Wednesday December 2, 2020
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील सिब्बल से पूछा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सिब्बल से कहा, 'क्या आप हमें कोई मिसाल दिखा सकते हैं, जहां एक एसोसिएशन ने राहत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था.'
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सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार की यूपी में गिरफ्तारी की जांच कराने की मांग
- Tuesday December 1, 2020
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working journalists) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सेवानिवृत्त जज से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में यूपी सरकार (UP Government) के दावों पर सवाल उठाए गए हैं. यूनियन ने कहा है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें झूठी और तुच्छ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 56 दिनों तक सिद्दीक को हिरासत में रखना गैरकानूनी है. साथ ही पुलिस द्वारा उसे हिरासत में यातना देने का भी आरोप लगाया गया है.
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पत्रकार सिद्दीक कप्पन को SC से मिली बेल, योगी सरकार ये कहकर कर रही थी जमानत का विरोध
- Friday September 9, 2022
वहीं यूपी सरकार ने कप्पन की जमानत का विरोध किया था. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि कप्पन के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसका एक राष्ट्र विरोधी एजेंडा है.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका, यूपी सरकार ने किया विरोध
- Tuesday September 6, 2022
केरल (Kerala) के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) की जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. यूपी सरकार (UP government) ने कप्पन की जमानत का विरोध किया. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में सरकार ने कहा है कि कप्पन के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसका एक राष्ट्र विरोधी एजेंडा है. सिद्दीकी कप्पन देश में धार्मिक कलह और आतंक फैलाने की बड़ी साजिश का हिस्सा है.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका, 26 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
- Wednesday August 24, 2022
पत्रकार कप्पन को अक्टूबर 2020 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप व हत्या के मामले में हाथरस जा रहे थे. उसी दौरान कप्पन के खिलाफ यूएपीए (UAPA Act) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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हाथरस कांड : पत्रकार सिद्दीकी कप्पन ने यूपी सरकार के खिलाफ SC में अवमानना याचिका दाखिल की
- Thursday October 7, 2021
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल से इलाज के लिए दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. हाथरस कांड में सिद्दीकी कप्पन को यूपी पुलिस ने 3 लोगों के साथ गिरफ्तार किया था.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन, साथियों पर से शांतिभंग का आशंका का केस बंद, यह है कारण..
- Wednesday June 16, 2021
हाथरस रेप कांड के बाद पिछले साल 5 अक्टूबर को केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन, अपने दो साथियों मसूद और अतीकुर्रहमान के साथ हाथरस जा रहे थे. एक ट्रैवल एजेंसी से ली गयी उनकी गाड़ी आलम नाम का ड्राइवर चला रहा था. मथुरा पुलिस ने कप्पन, उनके साथियों और ड्राइवर पर शांति भंग की आशंका में CRPC की दफा 107,116 और 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था.
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जेल में बंद पत्रकार सिद्दीक कप्पन का AIIMS या दिल्ली के किसी अस्पताल में कराया जाए इलाज : UP सरकार से SC
- Wednesday April 28, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को पत्रकार सिद्दीक कप्पन को स्पताल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि कप्पन को दिल्ली AIIMS या फिर किसी अन्य अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराएं. हालॉकि सिद्दीक को जमानत के लिए समुचित कोर्ट के सामने अपील करनी होगी. कप्पन को पिछले साल हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था जहां एक दलित युवती की कथित गैंगरेप के बाद मौत हो गई थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पत्रकार कप्पन का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा, कल होगी सुनवाई
- Tuesday April 27, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गैरकानूनी गतिविधि रोकाथाम कानून (UAPA) के तहत गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा है. इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने याचिका का विरोध किया और कहा कि नियमित जमानत याचिका दाखिल हो, कप्पन की ओर से कहा गया कि उसे अस्पताल के बेड पर चेन से बांधा गया है. जिसे यूपी सरकार ने गलत बताया है.
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हाथरस जाते गिरफ्तार पत्रकार सिद्दिकी को मां से मिलने की इजाजत, सुप्रीम कोर्ट ने दी 5 दिन की जमानत
- Monday February 15, 2021
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान कप्पन सोशल मीडिया समेत मीडिया को कोई इंटरव्यू नहीं देंगे. पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन भी थे. पीठ ने कहा कि कप्पन अपने परिजन और संबंधित डॉक्टरों के अलावा किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलेंगे.
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केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की याचिका SC में फिर टली, जनवरी के तीसरे हफ्ते में सुनवाई
- Monday December 14, 2020
सिद्दीक कप्पन को रिहा करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी के तीसरे हफ्ते के लिए टाल दी है. याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने यूपी सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा था.
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सिद्दीक कप्पन की रिहाई का मामला : SC को एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर ऐतराज, फिर टली सुनवाई
- Wednesday December 2, 2020
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील सिब्बल से पूछा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सिब्बल से कहा, 'क्या आप हमें कोई मिसाल दिखा सकते हैं, जहां एक एसोसिएशन ने राहत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था.'
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सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार की यूपी में गिरफ्तारी की जांच कराने की मांग
- Tuesday December 1, 2020
केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (Kerala Union of Working journalists) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक सेवानिवृत्त जज से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में यूपी सरकार (UP Government) के दावों पर सवाल उठाए गए हैं. यूनियन ने कहा है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें झूठी और तुच्छ हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 56 दिनों तक सिद्दीक को हिरासत में रखना गैरकानूनी है. साथ ही पुलिस द्वारा उसे हिरासत में यातना देने का भी आरोप लगाया गया है.
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