Kuno National Park : कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी आई है. दरअसल, कूनों में 3 नए मेहमानों (Kuno's new cubs!) का आगमन हुआ है. जानकारी के मुताबिक, नामीबिया से आई ज्वाला नाम की चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है. इनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव (Bhupendra Yadav) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से खुशखबरी दी है. इससे पहले आशा नाम की चीता ने भी 3 शावकों को जन्म दिया था.
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Watch | Three cubs born to Namibian cheetah 'Jwala' at Kuno National Park
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केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि कूनो के नए शावक! ज्वाला नाम की नामीबियाई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है.
Three cubs born to Namibian cheetah 'Jwala' at Kuno National Park
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इससे पहले 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया था. देखा जाए तो कूनो नेशनल पार्क में 6 नए मेहमानों का आगमन हो चुका है. सोशल मीडिया पर कई लोग बधाई भी दे रहे हैं.
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘जंगल में शावकों की आवाज गूंजी. यह जानकारी साझा कर खुशी हो रही है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान तीन नए सदस्यों का स्वागत कर रहा है. शावकों को नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने जन्म दिया है.'' उन्होंने इस घटना क्रम को ‘परियोजना चीता की शानदार सफलता करार दिया जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पारिस्थितिकी संतुलन बहाल करने के लिए की थी.
यादव ने पोस्ट किया, ‘‘ परियोजना से जुड़े सभी विशेषज्ञों, कूनों राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों और पूरे देश के वन्यजीव प्रेमियों को मेरी ओर से शुभकामनाएं.''
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी शावकों के जन्म पर खुशी जताई. उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब एशिया से चीते विलुप्त हो गये थे. तीन चीता शावकों का जन्म हुआ. यह दुनिया की एक खास घटना है. शावकों के जन्म से पता चलता है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता बसाने की परियोजना सफल रही है.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘चीता राज्य' होने का दर्जा प्राप्त हुआ.
इससे पहले मार्च 2023 में मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन एक ही शावक जिंदा बच पाया. सियाया का नाम बाद में ज्वाला रखा गया था. ज्वाला को भी नामीबिया से लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाया गया था.
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘आशा की कहानी छह साल पहले नामीबिया में शुरू होती है जब वह 2017 में वॉटरबर्ग प्लेटू नेशनल पार्क में पैदा हुई थी. दुनिया के पहले अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना के हिस्से के रूप में उसे 17 सितंबर, 2022 को भारत में स्थानांतरित किया गया था और अब उसने केएनपी में सफलतापूर्वक तीन शावकों को जन्म दिया है.''उन्होंने बताया कि इन तीन शावकों के जन्म के साथ केएनपी में चीतों की कुल संख्या 18 हो गई है.
चीता परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीतों (पांच मादा और तीन नर) को 17 सितंबर 2022 में केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था. फरवरी 2023 में, अन्य 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से पार्क से लाया गया था. मार्च 2023 से अबतक केएनपी में विभिन्न कारणों से छह वयस्क चीतों की मौत हो चुकी है.
भाषा इनपुट के साथ
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