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This Article is From May 28, 2020

भारत-चीन विवाद पर कुमार विश्वास ने मीडिया को दी नसीहत, बोले- इस मुश्किल दौर में...

मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'भारतीय चैनलों और “की-बोर्ड क्रांतिकारियों” से सादर अनुरोध है कि दुनिया के सबसे परम्परागत कमीने देश चीन के साथ हमारे देश के संघर्ष को “TRP जैनरेटिंग इवेंट” न बनाएँ.'

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भारत-चीन विवाद पर कुमार विश्वास ने मीडिया को दी नसीहत, बोले- इस मुश्किल दौर में...
कुमार विश्वास ने भारत-चीन विवाद पर ट्वीट किया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच एक बार फिर से तनातनी शुरू हो गई है. ताजा विवाद लद्दाख को लेकर है. यहां के दो इलाकों में 9 और 10 मई से ही सीमा के दोनों ओर हजार से ज्यादा सैनिक आमने-सामने आ चुके हैं. हालांकि, दोनों देश राजनयिक स्तर पर इस विवाद को सुलझाने में जुटे हुए हैं. इस मामले पर मीडिया से अनुरोध करते हुए मशहूर कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'भारतीय चैनलों और “की-बोर्ड क्रांतिकारियों” से सादर अनुरोध है कि दुनिया के सबसे परम्परागत कमीने देश चीन के साथ हमारे देश के संघर्ष को “TRP जैनरेटिंग इवेंट” न बनाएँ. हो सके तो इस मुश्किल दौर में देश की जनता को उसकी नागरिक-ज़िम्मेदारियों के प्रति सचेत कराएँ.'

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गौरतलब है कि चीन ने लद्दाख के पास अपने एयरबेस का विस्तार कर लिया है. NDTV को मिली एक्सक्लूसिव तस्वीरों में यह साफ देखा जा सकता है. तस्वीरों में एयरबेस के टरमैक पर लड़ाकू विमानों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. बता दें कि यह एयरबेस यह नगारी कुंशा एयरपोर्ट पर है, जोकि पैंगयोंग लेक से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर तिब्बत में स्थित है.

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पिछले कुछ समय में लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच तनाव की स्थ‍िति बनी हुई है. 6 अप्रैल, 2020 की सैटेलाइट तस्वीर में इस एयरपोर्ट और रनवे को देखा जा सकता है, लेकिन 20 मई 2020 की तस्वीरों में काफी कुछ बदला हुआ देखा जा सकता है. नई तस्वीर में बड़े पैमाने पर एयरबेस के निर्माण की गतिविधियां दिखाई दे रही हैं.

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नई तस्वीर में एक नया ट्रैक भी दिख रहा है, जो एक समानांतर टैक्सी ट्रैक हो सकता है या हो सकता है कि इस ऊंची जगह पर हेलीकॉप्टर के लिए इस जगह का निर्माण किया गया हो. एक अन्य तस्वीर है जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकती है. तस्वीर में इस एयरबेस पर 4 लड़ाकू विमान खड़े दिख रहे हैं. ये या तो J-11 या J-16 हो सकते हैं, जो रूसी सुखोई-27 या सुखोई-30 के वैरिएंट हैं. यह चीन के प्रमुख लड़ाकू विमान हैं और भारतीय सीमा से केवल 200 किलोमीटर दूर इनकी तैनाती वाकई भारत के लिए चिंता का विषय है.

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यह तस्वीरें पहली बार ऑनलाइन जारी की गई हैं. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बरकरार है और 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद यह सबसे बड़ी सैन्य तनातनी का रूप ले सकती है. उच्च पदस्थ सैन्य सूत्रों का कहना है कि भारत ने पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की है.

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VIDEO: नरम हो रहे हैं चीन के तेवर?

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