9 अगस्त, सुबह के 10 बजकर 53 मिनट... कोलकाता की जूनियर डॉक्टर के माता-पिता के पास फोन गया, "आपकी बेटी बीमार हो गई है, जल्दी मेडिकल कॉलेज आ जाइए." इसके कुछ ही मिनटों के बाद मेडिकल कॉलेज से फिर फोन आया और सामने से आवाज आई, "आपकी बेटी ने सुसाइड कर लिया है, हॉस्पिटल आ जाइए." सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से पूछा कि आखिर क्यों और किसने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में पीड़िता जूनियर डॉक्टर के माता-पिता को कहा कि उनकी बेटी ने सुसाइड किया है? टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मृतका की साथी डॉक्टर ने बताया कि उस रात वो कमांड कहां से दी गई थी.
पहले बताया बीमार, फिर कहा- सुसाइड किया
कोलकाता रेप-मर्डर पीड़िता की सहयोगी डॉक्टर ने टीओआई को बताया, "जूनियर डॉक्टर ने सुसाइड किया है, ये बात पीड़िता के माता-पिता को आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के ऑफिस से दी गई थी. हॉस्पिटल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट के ऑफिस से पीड़िता के माता-पिता को रात 10.53 बजे फोन आया था कि उनकी बेटी बीमार हो गई है. इसके कुछ देर बाद ही दूसरा फोन किया गया कि जूनियर डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया है."
सुसाइड... प्रिंसिपल संदीप घोष के ऑफिस आए ऑर्डर
हॉस्पिटल के सूत्रों ने बताया कि जूनियर डॉक्टर ने सुसाइड किया है, ये जानकारी माता-पिता को देने के लिए ऑर्डर पूर्व प्रिंसिपल के ऑफिस से दिये गए थे. मृतका के माता-पिता और कुछ डॉक्टर्स शुरुआत से फोन कॉल के जरिए दी गई इस सूचना को लेकर संदीप घोष को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. मृतका की साथी डॉक्टर ने बताया, "मृतका की बॉडी देखने के बाद ये साफ पता चल रहा था कि उसके साथ रेप हुआ है, उसका कत्ल हुआ है. लेकिन ये समझ से बाहर था कि फिर क्यों माता-पिता को ये कहा गया कि उनकी बेटी ने सुसाइड किया है?"
2 घंटे बाद क्यों किया गया माता-पिता को सूचित
मृतका की सहकर्मियों ने कहा कि जूनियर डॉक्टर के शव को सबसे पहले सुबह 9 बजे के आसपास एक ट्रेनी डॉक्टर ने देखा, जो उसी चिकित्सा विभाग में ड्यूटी पर थी. इस ट्रेनी डॉक्टर ने अपने सीनियर्स को इसके बारे में बताया और उन्होंने हॉस्पिटल के मैनेजमेंट को इस हत्या के बारे में बताया. हत्या के लगभग 2 घंटे बाद माता-पिता को इस बारे में सूचित किया गया. सहकर्मियों ने माता-पिता को सूचित करने में लगभग 2 घंटे की देरी पर भी सवाल उठाया. साथ ही उन्होंने बताया कि शव मिलने के तुरंत बाद, प्रिंसिपल संदीप घोष ने उसी सेमिनार हॉल के अंदर एक मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में दो अन्य डॉक्टर भी शामिल थे... इस मीटिंग के बाद ही पुलिस को सूचित किया गया.
क्या संदीप घोष ने CBI के सामने खोले राज?
डॉ. घोष ने अस्पताल परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के कुछ दिनों बाद प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा दे दिया. विपक्षी दलों ने पहले ही दावा किया है कि एसआईटी का गठन इसलिए किया गया, ताकि संदीप घोष पूछताछ के दौरान सीबीआई के सामने कई राज खोल सकते थे. गौरतलब है कि पिछले सोमवार को डॉ. घोष के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया, जिसके बाद सीएनएमसीएच के मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. उन्हें वहां से भी हटना पड़ा.
सीबीआई पिछले 6 दिनों से संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है. हालांकि, सीबीआई की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान, संदीप घोष से हुई पूछताछ को लेकर नहीं दिया गया है.
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