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This Article is From Jun 03, 2017

जानिए, क्‍या हुआ ईवीएम चैलेंज में, क्‍या राजनीतिक दल हैक कर पाए EVM मशीन...

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने मतपत्र व्यवस्था की ओर लौटने की संभावना से इंकार किया और कहा कि 'पेपर ट्रेल मशीनों' (वीवीपीएटी) से भविष्य के चुनावों में और पारदर्शिता आएगी.

जानिए, क्‍या हुआ ईवीएम चैलेंज में, क्‍या राजनीतिक दल हैक कर पाए EVM मशीन...
नई दिल्‍ली: चुनाव आयोग की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी कर मशीन को हैक करने की चुनौती में शनिवार को अंतिम समय में कोई राजनीतिक दल शामिल नहीं हुआ. इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने मतपत्र व्यवस्था की ओर लौटने की संभावना से इंकार किया और कहा कि 'पेपर ट्रेल मशीनों' (वीवीपीएटी) से भविष्य के चुनावों में और पारदर्शिता आएगी.

आयोग द्वारा ईवीएम को हैक करने के लिए आयोजित खुली चुनौती में शामिल हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रतिनिधियों के मशीन को हैक करने की अनिच्छा जाहिर करने के बाद आयोग ने कहा कि यह ईवीएम की सर्वमान्य स्वीकार्यता को साबित करता है.

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित खुली चुनौती में सिर्फ एनसीपी और माकपा ने हिस्सा लिया था. हालांकि चुनौती में शामिल होने आए दोनों दलों के प्रतिनिधियों ने ईवीएम हैक करने के बजाय मशीन के तकनीकी पहलुओं से जुड़ी कुछ भ्रांतियों को दूर करने का अनुरोध किया.

आयोग ने 12 मई को ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को खुली चुनौती में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन 3 जून को आयोजित होने वाली चुनौती को स्वीकार करने की 26 मई को निर्धारित समय सीमा में सिर्फ दो दलों (एनसीपी और माकपा) ने ही आवेदन किया था. जैदी ने बताया कि आयोग ने चुनौती के लिए हाल ही में सम्पन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में 12 विधानसभा क्षेत्रों में इस्तेमाल की गई 14 मशीनों को हैक करने के लिए दावेदारों को मुहैया कराने के लिए चुना था. उन्होंने बताया कि दोनों दलों द्वारा मशीन हैक करने की अनिच्छा जाहिर करने पर उनकी मांग के मुताबिक आयोग की तकनीकी विशेषज्ञों की समिति के सदस्यों ने दोनों दलों के प्रतिनिधियों को ईवीएम के तकनीकी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी.

जैदी ने कहा कि एनसीपी सांसद वंदना चह्वाण ने इस दौरान चार दिन पहले उनके द्वारा आयोग से ईवीएम का मेमोरी नंबर और बैटरी नंबर मुहैया कराने का अनुरोध करने का मुद्दा उठाया, लेकिन इस पर आयोग के प्रतिनिधि सुधीर जैन ने उन्हें बताया कि चुनौती में शामिल मशीनें सीलबंद थीं और ये दोनों नंबर चुनौती के दौरान ही उन्हें मुहैया कराए जा सकते हैं. इस तथ्य से आयोग ने चह्वाण को पहले ही अवगत करा दिया था. आयोग ने एनसीपी के प्रतिनिधियों को ईवीएम का मेमोरी नंबर और बैटरी नंबर चुनौती के दौरान ही बताने का विकल्प मुहैया कराते हुए मशीन को हैक करने का प्रस्ताव एक बार फिर रखा, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. हालांकि एनीसीपी के प्रतिनिधियों ने आयोग द्वारा अंतिम समय में ईवीएम के चयन की शर्त में बदलाव करने पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि आयोग ने पहले राजनीतिक दलों की मर्जी से ईवीएम मशीन मुहैया कराने का विकल्प दिया था, लेकिन बाद में आयोग द्वारा चयनित 14 मशीनों में से किसी एक मशीन को चुनने का विकल्प दिया गया.

जैदी ने बताया कि इस आपत्ति के साथ एनसीपी ने भी चुनौती से पल्ला झाड़ लिया. हालांकि इसकी एवज में पार्टी के प्रतिनिधियों ने ईवीएम को लेकर 8 शंकाओं का तकनीकी समिति के साथ समाधान कर ईवीएम को लेकर संतुष्टि जाहिर की. जैदी ने ईवीएम को लेकर व्याप्त शंकाओं को दूर करने में सभी राजनीतिक दलों के सकरात्मक सहयोग का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की गहरी जड़ों को मजबूती मिलेगी.

इस बीच ईवीएम में गड़बड़ी का जोरशोर से दावा कर रही आम आदमी पार्टी (आप) ने आयोग द्वारा आयोजित चुनौती की शर्तों को अस्वीकार करते हुए इससे खुद को पहले ही दूर कर लिया था. हालांकि आयोग द्वारा आयोजित ईवीएम चुनौती के समानांतर आप की ओर से भी आज ईवीएम चेलैंज में हिस्सा लेने के लिए चुनाव आयोग सहित अन्य पक्षकारों को आमंत्रित किया गया.

पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईवीएम जैसी हूबहू मशीन को हैक करने की चुनौती में हिस्सा लेने के लिए आयोग के प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, ईवीएम बनाने वाली कंपनी और अन्य विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है. भारद्वाज ने आयोग द्वारा आयोजित चुनौती को महज एक छलावा बताते हुए कहा कि आप इससे एक कदम आगे जाकर हैकाथॉन में पंजीकृत आवेदकों को मशीन में मदरबोर्ड से लेकर सॉफ्टवेयर तक किसी भी तरह की गड़बड़ी करने का मौका दिया जाएगा.

(इनपुट भाषा से)

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