नई दिल्ली:
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने लंदन से लौटते ही कथित विकलांग घोटाले में रविवार को अपनी बेगुनाही के सबूत पेश किए थे लेकिन सोमवार को इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता और प्रस्तावित राजनीतिक दल के नेता अरविंद केजरीवाल ने उनके सबूतों को झूठा साबित करने के लिए कुछ नए सबूत पेश किए। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि वह अब फर्रुखाबाद में खुर्शीद के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
खुर्शीद को हालांकि अपनी पार्टी का भरपूर समर्थन मिला है। लेकिन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने एक विवादास्पद बयान देकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। टीम केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस और सरकार को उनके इस बयान के मद्देनजर घेरने में जुट गई है। उधर, प्रेस काउंसिल ने भी खुर्शीद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
केजरीवाल ने नए सबूत पेश करते हुए आरोप लगाया कि खुर्शीद ने अपने ट्रस्ट की ओर से जिन लोगों को विकलांगता से सम्बंधित उपकरण देने की बात कही है, वे 'काल्पनिक' हैं।
केजरीवाल ने कहा कि आईएसी के सदस्यों ने उन लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश की, जिन्हें ट्रस्ट की ओर से व्हील चेयर, सुनने वाले उपकरण, तिपहिया वाहन उपलब्ध कराने की बात कही गई है, लेकिन इनमें से अधिक नाम 'काल्पनिक' पाये गए। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कुछ लोगों को पेश भी किया, जिन्होंने किसी तरह का उपकरण मिलने की बात से इनकार किया।
जंतर-मंतर पर आयोजित समर्थकों की भीड़ के समक्ष उन्होंने इस पर हैरानी जताई कि कांग्रेस क्यों खुर्शीद का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ट्रस्ट का समर्थन क्यों कर रही है.. ट्रस्ट के साथ पार्टी का क्या सम्बंध है?"
केजरीवाल अपने साथ कुछ लोगों को लेकर भी पहुंचे, जिनके नाम का उल्लेख खुर्शीद ने रविवार को उपकरण पाने वालों में किया था। लेकिन उन लोगों ने सोमवार को इससे इनकार किया।
केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार खुर्शीद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि वह सर्वोच्च न्यायालय में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उनके वकील हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुलायम के बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। दोनों एक-दूसरे को बचाएंगे।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने खुर्शीद के ट्रस्ट पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर उनका बचाव करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पार्टी ने कहा है कि खुर्शीद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दूसरे कार्यकाल के महत्वपूर्ण मंत्री हैं और उन्होंने आरोपों का जवाब दे दिया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, "खुर्शीद ने रविवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में सब कुछ स्पष्ट कर दिया.. मुझे नहीं लगता कि इस बारे में कुछ और कहे जाने की जरूरत है।"
सोनी ने कहा, "खुर्शीद को अलग-थलग करने या उनका समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.. वह संप्रग-2 के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उनकी एक प्रतिष्ठा है और उन्हें अपनी विरासत को लेकर गर्व करना चाहिए।"
सोनी के साथ मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि सरकार खुर्शीद से दूरी नहीं बना रही है।
सोनी ने यह भी कहा कि केंद्रीय समाज कल्याण मंत्रालय ने खुर्शीद के ट्रस्ट की उसके कार्यो के लिए प्रशंसा की है और इसे मंत्रालय से अनुदान मिल रहा है।
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने खुर्शीद का समर्थन करते हुए इस पर सवाल उठाए कि उनकी पत्नी द्वारा संचालित ट्रस्ट में 71 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाने वाली नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की मसौदा रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने से पहले मीडिया के हाथ कैसे लग गई? उन्होंने कहा, "यह हैरान करने वाली बात है कि सीएजी रिपोर्ट संसद में रखे जाने से पहले कैसे मीडिया तक पहुंच जाती है। खासकर जब रिपोर्ट कांग्रेस के खिलाफ होती है तो यह संसद से पहले मीडिया के पास पहुंच जाती है। इसकी जांच होनी चाहिए कि कौन रिपोर्ट लीक कर रहा है।" उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "सभी जांच केजरीवाल को सौंप दी जानी चाहिए। यह कुछ ऐसा कहने जैसा है कि कोई भी दस्तावेज या विवरण सही नहीं है, लेकिन केजरीवाल जो कह रहे हैं, केवल वही सही है।"
एक अन्य घटनाक्र में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने खुर्शीद के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्डस ऑथरिटी (एनबीएसए) से करने की मांग की।
एनबीएसए के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यामूर्ति जेएस वर्मा को लिखे पत्र में काटजू ने कहा कि इंडिया टुडे समूह ने खुर्शीद की अध्यक्षता वाले जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितता को लेकर सवाल खड़े किए हैं। जवाब में खुर्शीद ने भी इंडिया टुडे समूह के खिलाफ आरोप लगाए हैं।
काटजू ने न्यायमूर्ति वर्मा को लिखे पत्र में कहा है, "लोग आपको बहुत सम्मान से देखते हैं। इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप इस मामले की पूरी जांच करें और जो भी सामने आता है उसे सार्वजनिक करें, ताकि निर्दोष आरोपमुक्त हो सकें और दोषी सामने आ सके।"
काटजू ने यह भी कहा कि खुर्शीद का मामला एकमात्र घटना नहीं है। मीडिया, खासकर प्रसारण मीडिया ब्रेकिंग न्यूज देने की जल्दबाजी में कई बार बिना पूरी जांच के किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली खबरें चला देते हैं। उन्होंने कहा, "इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि खुर्शीद के साथ-साथ इंडिया टुडे समूह के खिलाफ भी सुनवाई कर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करें, ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके।"
खुर्शीद को हालांकि अपनी पार्टी का भरपूर समर्थन मिला है। लेकिन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने एक विवादास्पद बयान देकर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। टीम केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस और सरकार को उनके इस बयान के मद्देनजर घेरने में जुट गई है। उधर, प्रेस काउंसिल ने भी खुर्शीद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
केजरीवाल ने नए सबूत पेश करते हुए आरोप लगाया कि खुर्शीद ने अपने ट्रस्ट की ओर से जिन लोगों को विकलांगता से सम्बंधित उपकरण देने की बात कही है, वे 'काल्पनिक' हैं।
केजरीवाल ने कहा कि आईएसी के सदस्यों ने उन लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश की, जिन्हें ट्रस्ट की ओर से व्हील चेयर, सुनने वाले उपकरण, तिपहिया वाहन उपलब्ध कराने की बात कही गई है, लेकिन इनमें से अधिक नाम 'काल्पनिक' पाये गए। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कुछ लोगों को पेश भी किया, जिन्होंने किसी तरह का उपकरण मिलने की बात से इनकार किया।
जंतर-मंतर पर आयोजित समर्थकों की भीड़ के समक्ष उन्होंने इस पर हैरानी जताई कि कांग्रेस क्यों खुर्शीद का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ट्रस्ट का समर्थन क्यों कर रही है.. ट्रस्ट के साथ पार्टी का क्या सम्बंध है?"
केजरीवाल अपने साथ कुछ लोगों को लेकर भी पहुंचे, जिनके नाम का उल्लेख खुर्शीद ने रविवार को उपकरण पाने वालों में किया था। लेकिन उन लोगों ने सोमवार को इससे इनकार किया।
केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार खुर्शीद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी, क्योंकि वह सर्वोच्च न्यायालय में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उनके वकील हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुलायम के बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। दोनों एक-दूसरे को बचाएंगे।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने खुर्शीद के ट्रस्ट पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर उनका बचाव करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। पार्टी ने कहा है कि खुर्शीद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दूसरे कार्यकाल के महत्वपूर्ण मंत्री हैं और उन्होंने आरोपों का जवाब दे दिया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा, "खुर्शीद ने रविवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में सब कुछ स्पष्ट कर दिया.. मुझे नहीं लगता कि इस बारे में कुछ और कहे जाने की जरूरत है।"
सोनी ने कहा, "खुर्शीद को अलग-थलग करने या उनका समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता.. वह संप्रग-2 के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उनकी एक प्रतिष्ठा है और उन्हें अपनी विरासत को लेकर गर्व करना चाहिए।"
सोनी के साथ मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि सरकार खुर्शीद से दूरी नहीं बना रही है।
सोनी ने यह भी कहा कि केंद्रीय समाज कल्याण मंत्रालय ने खुर्शीद के ट्रस्ट की उसके कार्यो के लिए प्रशंसा की है और इसे मंत्रालय से अनुदान मिल रहा है।
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने खुर्शीद का समर्थन करते हुए इस पर सवाल उठाए कि उनकी पत्नी द्वारा संचालित ट्रस्ट में 71 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाने वाली नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की मसौदा रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने से पहले मीडिया के हाथ कैसे लग गई? उन्होंने कहा, "यह हैरान करने वाली बात है कि सीएजी रिपोर्ट संसद में रखे जाने से पहले कैसे मीडिया तक पहुंच जाती है। खासकर जब रिपोर्ट कांग्रेस के खिलाफ होती है तो यह संसद से पहले मीडिया के पास पहुंच जाती है। इसकी जांच होनी चाहिए कि कौन रिपोर्ट लीक कर रहा है।" उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "सभी जांच केजरीवाल को सौंप दी जानी चाहिए। यह कुछ ऐसा कहने जैसा है कि कोई भी दस्तावेज या विवरण सही नहीं है, लेकिन केजरीवाल जो कह रहे हैं, केवल वही सही है।"
एक अन्य घटनाक्र में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने खुर्शीद के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्डस ऑथरिटी (एनबीएसए) से करने की मांग की।
एनबीएसए के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यामूर्ति जेएस वर्मा को लिखे पत्र में काटजू ने कहा कि इंडिया टुडे समूह ने खुर्शीद की अध्यक्षता वाले जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितता को लेकर सवाल खड़े किए हैं। जवाब में खुर्शीद ने भी इंडिया टुडे समूह के खिलाफ आरोप लगाए हैं।
काटजू ने न्यायमूर्ति वर्मा को लिखे पत्र में कहा है, "लोग आपको बहुत सम्मान से देखते हैं। इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप इस मामले की पूरी जांच करें और जो भी सामने आता है उसे सार्वजनिक करें, ताकि निर्दोष आरोपमुक्त हो सकें और दोषी सामने आ सके।"
काटजू ने यह भी कहा कि खुर्शीद का मामला एकमात्र घटना नहीं है। मीडिया, खासकर प्रसारण मीडिया ब्रेकिंग न्यूज देने की जल्दबाजी में कई बार बिना पूरी जांच के किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली खबरें चला देते हैं। उन्होंने कहा, "इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि खुर्शीद के साथ-साथ इंडिया टुडे समूह के खिलाफ भी सुनवाई कर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करें, ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके।"
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