कुश्ती महासंघ का विरोध कर रहे पहलवानों के समर्थन में उतरी खापें

कश्ती महासंघ के खिलाफ विरोध कर रहे पहलवानों को अब खापों का भी समर्थन मिलने लगा है. अभी तक इन पहलवानों के समर्थन में खिलाड़ी और राजनेता ही आगे आ रहे थे.

कुश्ती महासंघ का विरोध कर रहे पहलवानों के समर्थन में उतरी खापें

पहलवानों के समर्थन में उतरी खापें

नई दिल्ली:

हरियाणा के जींद जिले की सभी 24 खापों के साझा सर्वखाप अध्यक्ष मंडल ने पहलवानों को समर्थन देते हुए बृजभूषण के करीबी संजय के भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर कड़ा एतराज जताया है. कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश और प्रवक्ता जगत सिंह रेढू ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि वे पहलवानों के साथ हैं व साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास लेने और बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने के फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील करते हैं।

उन्होंने कहा कि साक्षी मलिक द्वारा कुश्ती छोडऩे, बजरंग पूनिया द्वारा पद्मश्री लौटाने के फैसले से खापों को भी ठेस पहुंची है.  खापें उनके समर्थन में खड़ी हैं एवं मांग करती हैं कि फेडरेशन को ऐसे लोगों से मुक्त करवाया जाए जिनके कारण खिलाड़ी इस तरह के फैसले लेने को मजबूर हो रहे हैं. 

बता दें कि बीते कुछ दिनों में कई बड़े बॉस्कर और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुके एथलिटों ने भी इन पहलवानों का समर्थन किया है. कुछ दिन पहले ही विजेंदर सिंह ने मलिक समेत अन्य पहलवानों के प्रति अपना समर्थन जताया था. विजेंदर सिंह ने एएनआई से कहा था कि एक खिलाड़ी होने के नाते मैं उनका दर्द समझ सकता हूं. कुश्ती में एकमात्र महिला पदक विजेता ने न्याय की मांग की लेकिन उसे न्याय नहीं मिला.

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इससे आहत होकर उन्होंने संन्यास ले लिया. अब इससे पूरी दुनिया में भारत की छवि बढ़ेगी या घटेगी?विजेंदर ने आगे कहा कि इससे पूरा खेल उद्योग निराश है. उनका (पहलवानों)  आरोप है कि हरियाणा में लड़के-लड़कियों में भेदभाव है और लड़कियां कम हैं. इसके बाद क्या माता-पिता अपनी बेटियों को स्टेडियम भेजेंगे?



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)