दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण हो रही बारिश की तीव्रता शुक्रवार को कम होने के बावजूद केरल के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन बाधित रहा. बारिश की वजह से राज्य में हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं. पथनमथिट्टा, कोट्टायम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में व्यावसायिक कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थान आज बंद हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया कि राज्य में और अधिक राहत शिविर खोले गए हैं. एसडीएमए अधिकारियों ने बताया कि कल तक राज्य भर में 112 शिविर थे जिनमें 6500 लोग रह रहे हैं और आज शिविरों की संख्या बढ़ाकर 186 कर दी गई है.
उन्होंने यह भी बताया कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर में 41 मकान पूरी तरह से और 818 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. अलाप्पुझा जिले के तीन तालुकों - चेंगन्नूर, कार्तिकप्पल्ली और कुट्टनाड में स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं.
मुन्नार में भूस्खलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने की सूचना मिली है. जिला अधिकारियों ने बताया कि सड़क से मलबा हटाया जा रहा है.
त्रिशूर जिला प्रशासन ने बताया कि पेरिंगलकुथु बांध के दरवाजे आज खोले जाएंगे जिससे चलक्कुडी नदी का जल स्तर बढ़ सकता है इसलिए नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है.
‘रेड अलर्ट' फिलहाल वापस ले लिया गया है लेकिन राज्य के पांच उत्तरी जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट' बरकरार है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मौसम की चेतावनी के लिए चार ‘रंगों के कोड' का उपयोग करता है, जिसमें ‘हरा' (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), ‘पीला' (देखें और तत्पर रहें), ‘नारंगी' (तैयार रहें) और ‘लाल' (कार्रवाई करें) शामिल हैं. स्थिति के अनुसार, इन रंगों के अलर्ट जारी किए जाते हैं. ये अलर्ट ‘ग्रीन अलर्ट', ‘येलो अलर्ट', ‘ऑरेंज अलर्ट' और ‘रेड अलर्ट' होते हैं.
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