प्रतीकात्मक फोटो
तिरूवनंतपुरम:
केरल में अंग प्रतिरोपण में पारदर्शिता लाने के लिहाज से प्रदेश सरकार ने ‘ ब्रेन डेड’ की पुष्टि करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं. स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा, ‘‘ देश में ऐसा पहली बार है जब कोई राज्य ब्रेन डेड (दिमागी तौर पर मृत) मामलों की पुष्टि करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय की है.’’ गौरतलब है कि केरल उच्च न्यायालय ने मृत्यु पश्चात अंग दान करने वाले के दान और अंगों के प्रतिरोपण की प्रक्रिया को लेकर जनता की चिंताओं को दूर करते हुए कल निर्देश जारी किये थे. उसी के आधार पर सरकार ने यह दिशा - निर्देश जारी किये हैं.
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मंत्री ने कहा, इन दिशा-निर्देशों को जारी करने का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीज को तब ही ब्रेन डेड घोषित किया जाए जब यह पूरी तरह सुनिश्चित जो जाए कि उसका जीवन किसी भी तरीके से बचाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए यह दिशा-निर्देश तैयार किये गये हैं.
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मंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों पर लागू होगी.
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