देश के इकलौते लेफ्ट के गढ़ केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का कहना है कि इन विधानसभा चुनावों में 'लोग बड़ी संविधान-विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में हमारे साथ हैं.' 75 साल के कम्युनिस्ट नेता पिनरई विजयन कन्नूर जिले की धर्माडोम सीट से लड़ रहे हैं. यहां से जीतने पर वो छठी बार विधायक बनेंगे. सीधी बात करने के लिए जाने वाले पिनरई विजयन इस बार केरल के दशकों के उस पुराने रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं, जहां कभी कोई इंन्केंबेंट मुख्यमंत्री लगातार दूसरा कार्यकाल नहीं पा सका है.
विजयन प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ महामारी के बीच चुनाव देख रहे हैं. हालांकि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में केरल की मिसाल दी गई है, लेकिन लड़ाई में राज्य के 'चारों ओर से हुए विकास' को पार्टी अपनी नाव बना रही है. वहीं, बीजेपी-नीत एनडीए के साथ भी उनकी सरकार विचारधारा की लड़ाई लड़ रही है.
उन्होंने धर्माडोम में NDTV के साथ एक इंटरव्यू में कहा, 'केरल की सरकार बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र की संविधान-विरोधी और एंटी-सेक्युलर नीतियों का हर कदम पर मजबूती से विरोध किया है. केरल को ऐसी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ अपना विरोध कमजोर नहीं होने देना चाहिए. लोग हमारे साथ हैं.'
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उन्होंने कहा, 'बीजेपी समाज में लगातार भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रही है. भारत का नेतृत्व करने वाली पार्टी होने के बावजूद ये लोग संविधान में लिखी गई धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ काम कर रहे हैं. समाद के सौहार्द्र और धर्मनिरपेक्षता को भंग करने की बहुत सी कोशिशें हुई हैं. यह एक लेफ्ट की सरकार हैं, जो बिना कोई समझौता किए लोगों को बांटने की इन कोशिशों के खिलाफ खड़ी रही है.'
कांग्रेस-नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह गठबंधन राज्य में बस लेफ्ट की सरकार गिराना चाहता है, इसलिए इसका एनडीए के साथ समझौता भी हुआ है. उन्होंने कांग्रेस-बीजेपी पर आरोप लगाया है कि ये पार्टियां निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती हैं. कांग्रेस ने कथित घोटालों को लेकर उनकी सरकार को घेरने की कोशिश की है, जिसपर उन्होंने कहा कि यह चुनावी स्टंट है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य ने लगातार कई प्राकृतिक आपदाएं झेली हैं और राज्य सरकार ने इस दौरान हर जरूरी कदम उठाए हैं और हर चीज की जानकारी जनता को दी है. लेकिन विपक्ष इसको भी कमतर आंक रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार आपदा से लेकर रिहैबिलिटेशन तक जनता के साथ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार सत्ता में वापस आने के बाद क्लाइमेट चेंज का मुद्दा हैंडल करेगी.
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