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This Article is From Aug 21, 2015

CNG फिटनेस घोटाले की जांच के लिए केजरीवाल सरकार की गठित आयोग अवैध : LG नजीब जंग

CNG फिटनेस घोटाले की जांच के लिए केजरीवाल सरकार की गठित आयोग अवैध : LG नजीब जंग
एलजी नजीब जंग और सीएम केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली परिवहन विभाग में सीएनजी फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग को गैरकानूनी और अविधिमान्य बताया है।

गृह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की दिल्ली सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों एवं कमीशन्स आफ इन्क्वायरी एक्ट, 1952 के अंतर्गत इस तरह के आयोग गठित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है, इसलिए दिल्ली सरकार द्वारा इस संबंध में जारी की गई अधिसूचना गैरकानूनी एवं अविधिमान्य है।

गृह मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, उपराज्यपाल के आदेश पर दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) पूरे मामले को नए सिरे से देख रही है, और उसने सभी संबंधित सरकारी अधिकारियों को, जिनके नाम मूल शिकायत में दर्ज हैं, नोटिस जारी कर दिए हैं। गृह मंत्रालय ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को प्राथमिकता के आधार पर जांच पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं।

इससे पहले, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने इस घोटाले की जांच कराने के 'आप' सरकार के फैसले पर राय लेने के लिए केंद्र सरकार का रुख किया था। जंग ने ही केंद्र सरकार को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कथित घोटाले की जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किए जाने के बारे में सूचित किया था। बताया गया था कि एक-सदस्यीय आयोग घोटाले के सभी पहलुओं की जांच करेगा, और इसकी अध्यक्षता दिल्ली और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एसएन अग्रवाल करेंगे।

सीएनजी फिटनेस घोटाले का मामला वर्ष 2012 में सामने आया था, जब एसीबी ने पाया कि बुराड़ी में परिवहन प्राधिकरण में सीएनजी वाहनों के परिचालन एवं रखरखाव से संबंधित प्रमाणपत्र के अनुबंध ईएसपीए यूएसए की बजाय ईएसपीए इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने से दिल्ली सरकार को 100 करोड़ रुपये की चपत लगी।

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