तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR ने शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए एक वीडियो ट्विट किया है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में सिलेंडर के मंहगे दामों के खिलाफ पीएम मोदी का एक पोस्टर निकाला है. इन पोस्टर को सिलेंडर पर चिपका कर उन्होंने निर्मला सीतारमण से पूछा कि बताइये, आप तो यही चाहती थीं कि राज्य में पीएम मोदी की तस्वीर लगाई जाए. लीजिए, हमने ये कर दिया है. दरअसल, तेलंगना और केंद्र सरकार के बीच ये पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब बीते दिनों राज्य के दौरे के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा था कि राज्य भर की राशन की दुकान पर पीएम मोदी तस्वीर लगाई जानी चाहिए. इसके जवाब में KCR के मंत्री ने पहले निर्मला सीतारमण पर हमला बोला. तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी हरिश राव ने कहा कि निर्मला सीतारमण का यह कहना कि पीएम मोदी की फोटो हर राशन के दुकान पर लगी होनी चाहिए पीएम पद की गिरमा को ठेंस पहुंचाने वाला है.
You wanted pictures of Modi ji ,
— krishanKTRS (@krishanKTRS) September 3, 2022
Here you are @nsitharaman ji …@KTRTRS @pbhushan1 @isai_ @ranvijaylive @SaketGokhale pic.twitter.com/lcE4NlsRp5
बता दें कि निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को तेलंगाना के कामारेड्डी के जिलाधिकारी जितेश पाटिल की तब खिंचाई की थी जब वह इस बात का जवाब नहीं दे सके कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति किए जाने वाले चावल में केंद्र और राज्य का हिस्सा कितना है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 'लोकसभा प्रवास योजना' के तहत ज़हीराबाद संसदीय क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाली सीतारमण ने जिलाधिकारी से यह भी पूछा था कि बिरकुर में उचित मूल्य की दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों गायब है.
Union finance minister @nsitharaman asks @Collector_KMR how much Centre & state are contributing towards subsidised rice for poor at FPS ration shop; when he apparently gave 'wrong' answer, she told #Telangana #IAS officer to revert with right answer in half hour @ndtv @ndtvindia pic.twitter.com/qPZaNz40h7
— Uma Sudhir (@umasudhir) September 2, 2022
उन्होंने जिलाधिकारी से पूछा था कि जो चावल खुले बाजार में 35 रुपये में बिक रहा है, वह यहां एक रुपये में लोगों को बांटा जा रहा है. इसमें राज्य सरकार का कितना हिस्सा है?' वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र साजो-सामान और भंडारण सहित सभी लागत को वहन करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों में चावल की आपूर्ति कर रहा है, और यह जवाब पाने की कोशिश कर रहा है कि मुफ्त चावल लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं.
सीतारमण ने कहा था कि केंद्र लगभग 30 रुपये देता है और राज्य सरकार चार रुपये देती है, जबकि लाभार्थियों से एक रुपया वसूला जाता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मार्च-अप्रैल 2020 से राज्य सरकार और लाभार्थियों के किसी भी योगदान के बिना केंद्र 30 रुपये से 35 रुपये की कीमत पर मुफ्त चावल उपलब्ध करा रहा है.
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