कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए 26 विपक्षी दल एक साथ आए, लेकिन खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए. खरगे ने यहां के निकट चेवेल्ला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि केसीआर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों की एकता के बारे में कभी बात नहीं की. उन्होंने कहा, ‘‘आप यहां खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहते हैं लेकिन, आप वहां अंदर से भाजपा से मिले हुए हैं.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री देश में कांग्रेस पार्टी के योगदान पर सवाल उठाते हैं.
खरगे ने कांग्रेस के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के योगदान में आजादी के बाद रियासतों का एकीकरण और संविधान का निर्माण, नेहरू युग के दौरान शुरू की गई सिंचाई परियोजनाएं, बैंकों का राष्ट्रीयकरण और प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान कंप्यूटर को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं. उन्होंने तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के ‘एससी, एसटी घोषणापत्र' का एक पोस्टर जारी किया. घोषणा पत्र में पार्टी के 12 वादों का उल्लेख है.
खरगे ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस तेलंगाना की सत्ता में आएगी, तो 12-सूत्री एससी/एसटी घोषणा पत्र को लागू किया जाएगा.'' एससी/एसटी घोषणा पत्र के अनुसार, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जायेगा, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मामले में इसे बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जायेगा.
पार्टी ने राज्य में एससी और एसटी परिवारों को सरकारी खरीद में विशेष आरक्षण के अलावा 12 लाख रुपये की वित्तीय मदद का वादा किया.घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि निजी शैक्षणिक संस्थानों और सरकार से प्रोत्साहन प्राप्त करने वाली निजी कंपनियों में एससी, एसटी के लिए आरक्षण लागू किया जायेगा.
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