
कश्मीर घाटी में उपजी हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 91 हो गई है
- सुरक्षा बलों से झड़प के दौरान पैलेट फायरिंग में जुनैद की मौत हो गई
- घर के दरवाजे पर खड़ा जुनैद विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था : पुलिस सूत्र
- इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए, जिन पर सुरक्षा बलों को आंसू गैस चलाने पड़े
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श्रीनगर के सैदपोरा का रहना वाला 12 साल का जुनैद अहमद भट्ट अपने घर के बाहर खड़ा था और तभी पैलेट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया.
पुलिस ने बताया कि इलाके में झड़प के बाद सुरक्षाबलों को पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ा. हालांकि पुलिस सूत्रों ने साथ ही बताया कि जुनैद उस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था. एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'वह शहर के सैदपोरा में अपने घर के मुख्य द्वार पर खड़ा था, तभी उसे कई छर्रे लगे.'
सिर और छाती में दर्जनों छर्रे लगने की वजह से जुनैद गंभीर रूप से घायल हो गया था. स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एसकेआईएमएस) भर्ती कराया था, जहां उसने आज दम तोड़ दिया.
जुनैद का शव जब उसके घर लाया गया, तो उसकी मौत से गुस्साए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. जुनैद का शव लेकर शहर में ईदगाह के करीब कब्रिस्तान की तरफ जा रहे लोगों को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षाबलों ने जनाजे (शवयात्रा) को रोकने की कोशिश की. इससे स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच फिर झड़प शुरू हो गई और इस दौरान आंसू गैस और पैलेट फायरिंग में कई और लोग घायल हो गए.
गौरतलब है कि 9 जुलाई को सुरक्षाबलों द्वारा हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद घाटी में अशांति का माहौल है, इस दौरान भड़की हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 91 हो गई है. घाटी में सभी शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक परिवहन साधन और मुख्य बाजार तब से बंद हैं.
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