
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत की खबर है. घटना के तुरंत बाद भारतीय सुरक्षा बल ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान चला रहे हैं. घटना के वक्त मौजूद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने उस वक्त के हालात की आंखों देखी बताई. एक ने कहा कि वो टूरिस्ट पुलिस में काम करते हैं और घटना के बाद तीन लोगों का वहां से रेस्क्यू किया.
वर्कर ने बताया कि वारदात के वक्त वो पास में ही मौजूद था. वजू के लिए मौके से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर गया था. तभी गोलियों की आवाज सुनी. लोग वहां जमा होने लगे. मैं भी ऊपर गया और वहां से तीन लोगों को रेस्क्यू किया. पर्यटकों को उठाकर पहलगाम अस्पताल तक ले गए.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के आने से पहले स्थानीय लोगों ने घायल लोगों को अस्पताल पहुंचा दिया था. क्योंकि वहां आने का रास्ता सुलभ नहीं है. यहां पहली बार ऐसी घटना हुई है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.
वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि पौने तीन बजे के आसपास अचानक भगदड़ शुरू हो गई. मैंने लोगों से पूछा तो बताया कि ऊपर गोलीबारी हुई है. वहां मौजूद पर्यटक वहां से भागने लगे. लोग बदहवास भाग रहे थे. मैं भी अपनी गाड़ी स्टार्ट कर नीचे की ओर भागा. सड़क पर 200 से 300 लोग थे, सभी भाग रहे थे.
उन्होंने कहा कि कई लोगों को मैंने गोलियां लगी देखी. किसी के हाथ में तो किसी के पैर में गोली लगी थी. इस तरह की घटना से जिन्होंने जान गंवाई है, उनके घरवालों पर क्या बीतेगी. वहीं इस इलाके के पर्यटन पर एक बड़ा दाग लग गया जो नहीं मिटेगा. इस घटना में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
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