Srinagar News: जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच (EOW) ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब जांच एजेंसी ने मामले के मुख्य शिकायतकर्ता को ही धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड पाया और उसके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल कर दी.
क्या है रेलवे भर्ती घोटाला?
यह मामला रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), नई दिल्ली के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र (Appointment Letters) जारी करने से जुड़ा है. आरोपियों ने उत्तर रेलवे के पहाड़गंज (नई दिल्ली) स्थित DGM के फर्जी हस्ताक्षर और मुहरों का इस्तेमाल कर दर्जनों युवाओं को ठगा था. आरोपियों की पहचान बडगाम निवासी अब्दुल हामिद शेख, मुफ्ती गुलाम हसन कुमार और श्रीनगर के जेवान निवासी आदिल शाह के रूप में हुई है. मुफ्ती गुलाम हसन कुमार वह व्यक्ति है जिसने पहले खुद को पीड़ित बताकर शिकायत दर्ज कराई थी.
कैसे खुला राज?
शुरुआत में मुफ्ती गुलाम हसन कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि शेख और शाह ने उसे रेलवे के फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर ठगा है. लेकिन जब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गहराई से जांच की, तो परतें खुलती चली गईं. जांच में पाया गया कि कुमार केवल पीड़ित नहीं था, बल्कि वह इस गिरोह का सक्रिय सदस्य था. कुमार ने ही अन्य बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूली थी. उसने खुद कई युवाओं को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर बांटे थे.
कोर्ट में दाखिल हुई चार्जशीट
जांच में पुष्टि हुई कि नियुक्ति पत्रों पर लगी मुहरें और उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्ताक्षर पूरी तरह जाली थे. गिरोह ने कश्मीर के मासूम युवाओं से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठे थे. आर्थिक अपराध शाखा ने पर्याप्त सबूतों और गवाहों के आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बीरवाह (बडगाम) की अदालत में आरोपपत्र (Charge Sheet) दाखिल कर दिया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं