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This Article is From Jan 17, 2011

कसाब की अर्जी पर हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित

Mumbai: तीन महीने तक बहस सुनने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब की सजा-ए-मौत के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर अपना फैसला 7 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया। कसाब को 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में उसकी भूमिका को लेकर मौत की सजा सुनाई गई है। न्यायाधीश रंजना देसाई और न्यायाधीश आरवी मोरे ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा लश्करके संदिग्ध फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद को बरी किए जाने को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उस पर आतंकवादियों को हमलों का निशाना बनाए जाने वाली जगहों के मानचित्र उपलब्ध कराने का आरोप है। इस मामले में सोमवार को जिरह पूरी हो गई, जिसके बाद न्यायाधीशों ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट के दूसरे तल पर अदालत कक्ष-49 में जहां बहस हो रही थी, उसे कड़ी सुरक्षा के साथ एक किले में तब्दील कर दिया था। हर रोज खोजी कुत्ते संदिग्ध वस्तुओं की छानबीन के लिए लाए जा रहे थे। पत्रकारों तथा वकीलों को पहचान पत्र जारी किए गए थे और वहां प्रवेश पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी।

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कसाब, मुंबई हमला, हाईकोर्ट, सजा-ए-मौत
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