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कर्नाटक: चित्तपुर में RSS के मार्च को क्यों नहीं मिली अनुमति? जानें क्या कहा सरकार ने

आरएसएस की प्रचार सामग्री हटाए जाने को लेकर प्रदेश भाजपा ने शनिवार को मंत्री प्रियांक खरगे पर निशाना साधा, जबकि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली थी.

कर्नाटक: चित्तपुर में RSS के मार्च को क्यों नहीं मिली अनुमति? जानें क्या कहा सरकार ने
चित्तपुर तालुक में शनिवार को आरएसएस के झंडे, बैनर और पोस्टर हटा दिए गए.
  • अधिकारियों ने RSS के रूट मार्च और विजयादशमी कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
  • अधिकारियों ने अशांति फैलने और कानून व्यवस्था बिगड़ने के कारण आरएसएस के जुलूस की अनुमति न देने का निर्णय लिया.
  • आरएसएस की प्रचार सामग्री हटाये जाने को लेकर भाजपा ने मंत्री प्रियांक खरगे की आलोचना की
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चित्तपुर:

चित्तपुर तहसीलदार और तालुक अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रस्तावित रूट मार्च और 19 अक्टूबर 2025 को होने वाले विजयादशमी कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. दरअसल प्रशासन से आरएसएस शताब्दी समारोह और विजयादशमी उत्सव के तहत जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी. वहीं प्रशासन को सौंपी गई एक पुलिस रिपोर्ट में कानून-व्यवस्था की संभावित समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि उसी मार्ग पर, भीम आर्मी और भारतीय दलित पैंथर (आर) संघ ने भी उसी दिन अपने जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी. पुलिस खुफिया जानकारी से पता चला कि इन समूहों द्वारा एक साथ रैलियां निकालने से झड़पें हो सकती हैं और सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है.

इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हाल ही में एक आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा जिला प्रभारी मंत्री और चित्तपुर विधायक प्रियांक खड़गे को कथित तौर पर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने की घटना ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया है. इन कारकों को देखते हुए, अधिकारियों ने निष्कर्ष निकाला कि आरएसएस के जुलूस की अनुमति देने से अशांति फैल सकती है और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है. परिणामस्वरूप, इस आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है.

आरएसएस के झंडे, बैनर और पोस्टर हटाए

इससे पहले चित्तपुर तालुक में शनिवार को आरएसएस के झंडे, बैनर और पोस्टर हटा दिए गए. सूचना प्रौद्योगिकी/जैव प्रौद्योगिकी मंत्री खरगे चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. मंत्री ने हाल में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को इसमें भाग लेने से रोकने का अनुरोध किया था.

वहीं आरएसएस की प्रचार सामग्री हटाए जाने को लेकर प्रदेश भाजपा ने शनिवार को मंत्री प्रियांक खरगे पर निशाना साधा, जबकि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आरएसएस ने कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली थी.

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