कर्नाटक हाईकोर्ट ने अवैध खनन मामले में दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों एन विश्वनाथन व शमीम भानु और चार अन्य को आरोप मुक्त किये जाने को बरकरार रखा है. दोनों कर्नाटक के अतिरिक्त मुख्य सचिव रह चुके हैं. चार अन्य व्यक्ति जिनको आरोप मुक्त किये जाने को बरकरार रखा गया है, उनमें खान एवं भूविज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त उप निदेशक एसपी राजू, बेल्लारी के सुंदूर के तत्कालीन क्षेत्र निरीक्षक रमाकांत वाई हुल्लर, डेक्कन माइनिंग सिंडिकेट प्राइवेट लिमिटेड (डीएमएसपीएल) के एमडी राजेंद्र कुमार जैन और इस कंपनी के सीईओ रितेश मिलापचंद जैन शामिल हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2016 में छह आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें एक्सएलवीआई अपर सिटी सिविल एवं सत्र न्यायाधीश और सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के 30 जनवरी 2016 के आदेश को चुनौती दी गई थी.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने रिहाई के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बेल्लारी में अवैध खनन के मामले में जांच शुरू की थी.
यह पाया गया था कि ये छह आरोपी 1980-2010 की अवधि के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करके बेंगलुरु, बेल्लारी, होस्पेट और कर्नाटक के अन्य स्थानों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व लौह अयस्क की चोरी आदि कृत्यों में शामिल थे. आरोप है कि कि 'राज्य के राजस्व को 1232.395 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और आरोपी व्यक्तियों ने गलत तरीके से लाभ कमाया.''
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