कोलकाता:
कोलकाता से 40 किलोमीटर उत्तर में स्थित दोलताला बस स्टॉप पर 17 साल की मुन्ना दास से छेड़खानी करना दो लोगों को खासा भारी पड़ गया और उम्मीद है वे यह सबक जिंदगी भर नहीं भूलेंगे।
पश्चिम बंगाल के मध्यग्राम की रहने वाली दास रविवार शाम अपने घर से बारासत स्थित कराटे क्लास के लिए निकली, तभी साइकिल सवार दो लोग उसके पीछे लग गए। इस बीच एक ने उसका हाथ पकड़ लिया। इस हरकत से दास जरा भी नहीं घबराई और उसने उस शख्स को धक्का दिया, गिरी, फिर वापस अपने कदमों पर खड़ी होकर उन दोनों को मजा चखाया।
इसी साल की शुरुआत में दास को कराटे के लिए राज्यस्तरीय प्रतीयोगिता में दो गोल्ड मेडल मिले थे। हालांकि वे लोग इससे अंजान थे और उनसे उलझने की गलती कर बैठे।
घटना को याद करते हुए दास बताती हैं, 'मैंन उनमें से एक व्यक्ति की गरदन पकड़ ली। जैसे ही उसका दम घुटने लगा, मैंने उसके चेहरे पर एक पंच जड़ दिया। फिर कुछ किक उसके गले और जांघों के पास मारे, जिससे वह गिर पड़े। इस मार से घबराकर जब वे भागने लगे तो मैंने उनके पीठ पर कुछ और किक जड़ दिए। फिर से गिरते- पड़ते वहां भाग निकले।'
पारिवारिक मजबूरियों की वजह से आठवीं क्लास के बाद स्कूल छोड़ चुकी दास को इस बात का दुख है कि वहां मौजूद लोग उसकी मदद को आगे नहीं आए। हालांकि उसे उम्मीद है कि उससे छेड़खानी करने वाले लोग जल्द ही पकड़े जाएंगे।
बीते करीब डेढ़ साल से कराटे सीख रहीं दास अगले महीने ब्लैक बेल्ट का टेस्ट देंगी। कागज़ों में उनका नाम मुनमुन दास है, हालांकि यह कराटे गर्ल अपना नाम मुन्ना ही पसंद करती हैं।
पश्चिम बंगाल के मध्यग्राम की रहने वाली दास रविवार शाम अपने घर से बारासत स्थित कराटे क्लास के लिए निकली, तभी साइकिल सवार दो लोग उसके पीछे लग गए। इस बीच एक ने उसका हाथ पकड़ लिया। इस हरकत से दास जरा भी नहीं घबराई और उसने उस शख्स को धक्का दिया, गिरी, फिर वापस अपने कदमों पर खड़ी होकर उन दोनों को मजा चखाया।
इसी साल की शुरुआत में दास को कराटे के लिए राज्यस्तरीय प्रतीयोगिता में दो गोल्ड मेडल मिले थे। हालांकि वे लोग इससे अंजान थे और उनसे उलझने की गलती कर बैठे।
घटना को याद करते हुए दास बताती हैं, 'मैंन उनमें से एक व्यक्ति की गरदन पकड़ ली। जैसे ही उसका दम घुटने लगा, मैंने उसके चेहरे पर एक पंच जड़ दिया। फिर कुछ किक उसके गले और जांघों के पास मारे, जिससे वह गिर पड़े। इस मार से घबराकर जब वे भागने लगे तो मैंने उनके पीठ पर कुछ और किक जड़ दिए। फिर से गिरते- पड़ते वहां भाग निकले।'
पारिवारिक मजबूरियों की वजह से आठवीं क्लास के बाद स्कूल छोड़ चुकी दास को इस बात का दुख है कि वहां मौजूद लोग उसकी मदद को आगे नहीं आए। हालांकि उसे उम्मीद है कि उससे छेड़खानी करने वाले लोग जल्द ही पकड़े जाएंगे।
बीते करीब डेढ़ साल से कराटे सीख रहीं दास अगले महीने ब्लैक बेल्ट का टेस्ट देंगी। कागज़ों में उनका नाम मुनमुन दास है, हालांकि यह कराटे गर्ल अपना नाम मुन्ना ही पसंद करती हैं।
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