दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में नए साल के मौके पर हुए भयानक सड़क हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. उन्होंने कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष व्यक्त करते हुए ये मांग की है.
महिला आयोग द्वारा जारी किए गए समन पर गुरुवार को दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक जवाबी पत्र पर बोलते हुए, स्वाति मालीवाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस पूरी तरह से निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है.
स्वाति मालीवाल ने कहा, " मैं दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं. मैं अनुशंसा करती हूं कि इस मामले को सीबीआई को ट्रांस्फर किया जाए. दिल्ली पुलिस ने हमें बताया है कि उन्होंने अभी तक निधि के मोबाइल फोन को रिकवर नहीं किया है. ये एक अहम सबूत है. यह मेरी समझ से परे है कि अब तक पुलिस के पास ये क्यों नहीं है? "
डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, " पुलिस ने अभी भी 13 किमी के सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच नहीं की है या सभी चश्मदीदों के 164 (सीआरपीसी) बयान दर्ज किए हैं. धारा 302 नहीं जोड़ी गई है. पहली कॉल 2.22 बजे एक महिला के कार में फंसने के बारे में आई थी. लेकिन पुलिस कार्रवाई तभी शुरू हुई जब उन्हें सुबह 4.15 बजे नग्न शरीर के बारे में फोन आया."
20 वर्षीय अंजलि सिंह की नए साल के शुरुआती घंटों में मौत हो गई थी, जब उसके स्कूटर को पांच लोगों द्वारा संचालित कार ने टक्कर मार दी थी और उसे बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी में वाहन के नीचे 13 किलोमीटर तक घसीटा गया था.
मामले पर एक अपडेट में, दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा कि भयानक घटना में दो और लोग संदिग्ध के रूप में सामने आए हैं.
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ये लोग कार के मालिक आशुतोष और आरोपियों में से एक के भाई अंकुश हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पुलिस के मुताबिक, चश्मदीद निधि का बयान दर्ज कर लिया गया है और चश्मदीद और आरोपी के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है.
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