कोविड महामारी के कारण पिछले दो साल से बंद पड़ी कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर सरकार से अब तक नोडल एजेंसी को तैयारियों के लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं जिससे इस बार भी उसके आयोजन की संभावना नजर नहीं आ रही है. सामान्यत: विदेश मंत्रालय, यात्रा की नोडल एजेंसी कुमाउं मंडल विकास निगम तथा पिथौरागढ जिला प्रशासन के साथ इसकी तैयारी को लेकर जनवरी में ही बैठक कर लेता है.
पिथौरागढ जिले के लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरने वाली यात्रा 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते स्थगित कर दी गयी थी और अगले साल भी यह बंद ही रही. हाल में कोविड-19 के मामलों में कमी को देखते हुए अधिकारी उम्मीद कर रहे थे कि इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा आयोजित हो सकती है.
कुमाउं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक एपी बाजपेई ने कहा कि अभी तक यात्रा के आयोजन के संबंध में एजेंसी को कहीं से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर अब निर्देश मिल भी जाते हैं तो भी यात्रा शुरू होने तक तैयारियां करना बहुत मुश्किल होगा . कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल जून के प्रथम सप्ताह में शुरू होती है.
वर्ष 1981 से लिपुलेख दर्रे के जरिए होने वाली इस यात्रा में हर साल देश भर के करीब एक हजार श्रद्धालु तिब्बत में स्थित भगवान शिव का वासस्थल माने जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए जाते हैं.
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