केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम लिए बगैर कहा कि भगवान के नाम पर राजनीति करने वालों ने ही 300 लोगों को भगवान के पास पहुंचा दिया है। प्रशासन ने सिर्फ 111 लोगों की ही मौत का आंकड़ा दिया है।
देवी मंदिर के करीब पुल पर हुए हादसे के दूसरे दिन सोमवार को रतनगढ़ से ग्वालियर लौटे सिंधिया ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि इस हादसे को रोका जा सकता था। सरकार और प्रशासन की असफलता का प्रमाण है रतनगढ़ का हादसा। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि भगवान के नाम पर राजनीति करने वालों ने 300 लोगों को भगवान के पास पहुंचा दिया है। पुल पर महज कुछ ही पुलिस वालों की तैनाती थी, वहीं पूर्व में बनाए गए नियम के बावजूद ट्रैक्टर को पुल के करीब तक आने दिया गया। उन्होंने कहा कि यह हादसा दिल द्रवित कर देने वाला है। महिलाओं ने तो अपनी साड़ी पुल पर बांध कर जान बचाई है। इतना ही नहीं मुझे जो जानकारी मिली है उसके आधार पर मरने वालों की संख्या 200 से 300 तक है।
सिंधिया ने राज्य सरकार द्वारा घटना की न्यायिक जांच का ऐलान किए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक बार फिर सरकार ने लीपापोती की कोशिश की है। वर्ष 2006 में हुए हादसे के बाद भी सरकार ने न्यायिक जांच का ऐलान किया था। उसकी जांच पूरी हुए छह साल हो गए हैं, मगर उस रिपोर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
सिंधिया का कहना है कि हादसे में प्रशासनिक लापरवाही साफ नजर आ रही है तो फिर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने से सरकार क्यों कतरा रही है। किसी की मौत पर मुआवजा देने से उस परिवार की क्षति की पूर्ति नहीं की जा सकती है।
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