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संविधान @75: जज को धैर्य से काम करना चाहिए - ‘NDTV INDIA संवाद’ में पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़

एनडीटीवी के खास कार्यक्रम ‘NDTV INDIA संवाद- संविधान @75’ में पूर्व CJIडीवाई चंद्रचूड़ ने खुलकर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून की वैधता हमारी जिम्मेदारी है.

संविधान @75: जज को धैर्य से काम करना चाहिए - ‘NDTV INDIA संवाद’ में पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़
कानून की वैधता न्यायपालिका की जिम्मेदारी
नई दिल्‍ली:

एनडीटीवी के खास कार्यक्रम ‘NDTV INDIA संवाद- संविधान @75' में खास मेहमान के रूप में पहुंचे पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जज को हमेशा धैर्य से काम करना चाहिए. पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून बनाना संसद का काम है, लेकिन उसे लागू करने का अधिकार पूरी तरह से न्यायपालिका के हाथों में है. न सिर्फ यह अधिकार है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है. कानून की वैधता हमारी जिम्मेदारी है.

'हम भी सोशल मीडिया की बातों से होते हैं प्रभावित'

एनडीटीवी इंडिया संवाद कार्यक्रम में डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलकर कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कॉलेजियम के मुद्दे पर कहा, "इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं कि सोशल मीडिया में चलने वाली बातों का हमलोगों के ऊपर असर नहीं होता है. इसका समाज के ऊपर बहुत ही असर पड़ता है. कानून बनाना संसद का काम है, लेकिन उसे लागू करने का अधिकार पूरी तरह से न्यायपालिका के हाथों में है. न सिर्फ यह अधिकार है, बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है. कानून की वैधता हमारी जिम्मेदारी है."  पूर्व CJI ने कॉलेजियम सिस्टम को लेकर कहा, 'देखिए, कॉलेजियम सिस्टम को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं. लेकिन यह संघीय व्यवस्था में बहुत अच्छी व्यवस्था है. इसमें नियुक्ति की प्रक्रिया कई चरणों से होकर गुजरती है. सभी वर्गों को इसके अतंर्गत प्रतिनिधित्व मिलते रहे हैं.

रिटायरमेंट के बाद जिंदगी  

डीवाई चंद्रचूड़ को CJI के पद से रिटायर होने के बाद सुप्रीम गए पूरे 15 दिन हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट की यादों को साझा करते हुए उन्‍होंने कहा, "साढ़े आठ साल की आदत थी, इससे पहले मैं 24 साल तक जज रहा हूं. इसके अलावा मेरे जीवन में और कोई काम नहीं था. सुबह उठकर केस फाइलें पढ़ना, कोर्ट जाना, शाम को आकर जजमेंट डिक्‍टेट करना और फिर रात को अगले दिन की फाइलें पढ़ना. इसलिए में कहना चाहूंगा कि ये बिल्‍कुल भी आसान नहीं है. मैं कई बार सोचता हूं कि जीवन में कितनी चीजें मैंने आत्‍मसात कर ली हैं और कितनी चीजें खोई भी हैं. पिछले 24 के दौरान मैं अपने परिवार के साथ कोई लंच नहीं ले सका... कई बार डिनर के समय भी मैं ऑफिस में रहता था. ऐसी कई चीजें हैं, जो मैं करना चाहता हूं और इन दिनों कर भी रहा हूं. प्राइवेट सिटीजन की जिंदगी जीना बेहद अच्छी लग रही है."

बड़े मुद्दों, विचारों का मंच बनेगा ‘NDTV INDIA संवाद- संविधान @75'

एनडीटीवी के कार्यक्रम ‘NDTV INDIA संवाद- संविधान @75' की शुरुआत करते हुए सीनियर मैनेजिंग एडिटर संतोष कुमार ने बताया, "आज हम ऐसे सिलसिले की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो मंच बनेगा बड़े मुद्दों का, बड़े विचारों का. इस सीरीज में हम देश और जनता के मुद्दों का गंभीर बातचीत करेंगे. बातें गंभीर होंगी, लेकिन बोरिंग नहीं होंगी, इसका वादा मैं आपसे करता हूं. इसकी पहली कड़ी का विषय है- 'संविधान @75'. देश संविधान की 75वां वर्षगांठ का जश्‍न मना रहा है और इस बेहद खास कार्यक्रम से हम इसमें एक आयाम जोड़ना चाहते हैं."

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