गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम जोन में लगी आग में 32 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 9 बच्चे भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौत के मुंह से बचे लोगों ने बताया कि बॉलिंग समेत कई अन्य खेलों का मजा ले रहे युवाओं से भरे सेंटर में लगी भीषण आग से बचने के लिए उन्हें दरवाजे तोड़ने पड़े और खिड़कियों से छलांग लगानी पड़ी. गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेमिंग सेंटर से ले जाने से पहले सफेद कपड़ों में लिपटी शवों की कतरां बिछ गई थीं.
शनिवार की शाम को गर्मियों की छुट्टियां होने के कारण और साथ ही वीकेंड के कारण यहां 300 से अधिक लोग मौजूद थे और तभी लगभग 4.30 बजे के करीब यहां आग लग गई. इसकी जानकारी राजकोट (Rajkot game zone Fire) के फायर ऑफिसर द्वारा दी गई थी. ऑफिसर इलेश खेर ने बताया, "लोग अंदर ही फंस गए क्योंकि एक अस्थायी संरचना एंट्रेंस के पास गिर गई थी और इस वजह से लोगों के लिए बाहर निकल पाना मुश्किल हो गया था." उन्होंने बताया कि ढांचे में ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग की लपटें तेजी से फैलीं.
खिचड़ी से कूद कर बचाई जान
इस हादसे से खुद को बचाने वालों ने दर्दनाक घटना को याद करते हुए पृथ्वीराजसिंह जडेजा ने इंडियनएक्सप्रेस को बताया, "हम बॉलिंग कर रहे थे और तभी स्टाफ के दो सदस्य आए और उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर आग लग गई है और हमें निकल जाना चाहिए. जल्द ही फर्स्ट फ्लोर धुंआ-धुंआ हो गया". उन्होंने कहा, "हमने पीछे के दरवाजे से भागने की कोशिश की लेकिन नहीं भाग पाए. इतने में हमें बाहर से रोशनी आते हुए नजर आई. तभी हमने टीन की शिट को पैर मार कर हटाया और हम पांच लोग फर्स्ट फ्लोर से नीचे कूद गए."
जडेजा ने बताया कि उस वक्त फर्स्ट फ्लोर पर लगभग 70 लोग थे, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि मामले में 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. इसमें गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, उनके पार्टनर प्रकाश जैन, मैनेजर नितिन जैन के साथ एक और शख्स राहुल राठौड़ शामिल हैं.
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