वक्फ बिल (Waqf Bill) पर सोमवार को जेपीसी की बैठक (JPC Meeting) होने जा रही है. वक्फ संशोधन बिल पर खण्डवार चर्चा होगी. बिल में बदलाव के लिए विपक्षी सांसदों ने कई संशोधन पेश किए. वक्फ बिल के सभी संशोधनों पर चर्चा होगी. इसके बाद कमिटी की एक और बैठक 29 जनवरी को होने की संभावना है. अगली बैठक में रिपोर्ट को मंजूर किया जाएगा. बजट सत्र की शुरुआत में ही रिपोर्ट संसद में पेश होने की संभावना है.
विपक्ष ने लगाए आरोप
जेपीसी में शामिल विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर जल्दबाजी का आरोप लगाया था. इस मामले में लोकसभा स्पीकर को पत्र भी लिखा गया. पत्र में 27 जनवरी की बैठक स्थगित करने की मांग भी की गई थी. जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि सभी पक्षों से राय ली गई है. उन्होंने उन आरोपों को खारिज़ किया जिसमें कहा गया था कि दिल्ली चुनाव के चलते रिपोर्ट पेश करने में जल्दबाजी की जा रही है.
विपक्ष के आरोपों पर क्या बोले जगदंबिका पाल
एनडीटीवी संग बातचीत में जगदंबिका पाल ने कहा कि पिछले 6 महीने से लगातार बैठक हो रही है. कौन ऐसा है, जिसे हमने नहीं बुलाया. अभी तक 34 बैठके हो चुकी है, आज 35वीं बैठक है. ये बैठक शाम तक चलती है. 8 घंटे पार्लियामेंट चलती है, जिसमें 543 एमपी को थोड़ा-थोड़ा बोलने का अवसर मिलता है. केवल 31 सदस्यों के लिए मैं 8 घंटे बैठक चला रहा हूं तो क्या किसी को ये मौका मिल सकता है, वो कहे कि हमें अवसर नहीं मिल रहा है.
10 विपक्षी सांसदों किए गए थे निलंबित
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विचार के लिए गठित जेपीसी की शुक्रवार को हुई बैठक से 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर निष्पक्ष चर्चा कराए जाने की मांग की. निलंबित सांसदों ने आईएएनएस से बात करते हुए जेपीसी अध्यक्ष के तौर-तरीकों पर सवाल भी खड़े किए थे.
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