JNU नारेबाजी के मामले में कन्हैया कुमार पर चलेगा देशद्रोह का केस, दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी

फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था

JNU नारेबाजी के मामले में कन्हैया कुमार पर चलेगा देशद्रोह का केस, दिल्ली सरकार ने दी मंजूरी

JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई के नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाया जाएगा.

खास बातें

  • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाए गए थे
  • इस मामले की फाइल पिछले साल जनवरी से लटकी थी
  • कन्हैया समेत बाकी सभी आठ आरोपियों पर चलेगा मुकदमा
नई दिल्ली:

जेएनयू देशद्रोह के मामले (JNU sedition Case) में सीपीआई के नेता कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलेगा. इसके लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को स्वीकृति दे दी है. इस मामले की फाइल काफी वक्त से दिल्ली सरकार के पास लटकी थी. दिल्ली सरकार ने देश विरोधी नारे लगाने के मामले में कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दे दी है. फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जनवरी 2019 में चार्जशीट दाखिल की थी.

इस मामले में पिछले साल जनवरी से फाइल लटकी थी. बीजेपी ने इसे चुनाव में मुद्दा भी बनाया था. दिल्ली सरकार ने मुकदमा चलाने के लिए स्पेशल सेल को मंजूरी दे दी है. कन्हैया कुमार समेत बाकी सभी आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाने की स्वीकृति दी गई है. कन्हैया के अलावा उमर खालिद, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, उमर गुल, बशरत अली और खालिद बसीर के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा.

दिल्ली सरकार की ओर से फाइल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मिल चुकी है. यह फाइल जल्द ही कोर्ट को सौंप दी जाएगी.

जेएनयू देशद्रोह के मामले (JNU sedition Case) को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दस दिन पहले 19 फरवरी को दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था. पुलिस ने दिल्ली सरकार से इस मामले में तेजी लाने के लिए कहा था. फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कथित तौर पर लगाए गए देश विरोधी नारों के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एक अहम बयान के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने यह कदम उठाया था. अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि जो भी संबंधित विभाग है उसमें उनकी कोई दखलंदाजी नहीं है. उनके निर्णय को वे नहीं बदल सकते.

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फरवरी 2016 में देश विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में कन्हैया कुमार सहित अन्य के खिलाफ केस चलाए जाने के लिए राज्य सराकार की इजाजत का मामला अटका हुआ था. इसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देरी के लिए परोक्ष रूप से दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. इस पर दिल्ली पुलिस ने तुरंत दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को पत्र लिखा. पुलिस ने दिल्ली सरकार से इस मामले में तेजी लाने के लिए कहा था.           

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इससे पहले दिल्ली सरकार के मुख्यालय दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा गया था कि दिल्ली का पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली सरकार से जेएनयू देशद्रोह मामले में फैसला लेने के लिए कह रही है, इस पर आपका क्या पक्ष है? इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 'जो भी संबंधित विभाग है उसमें मेरी कोई दखलंदाजी नहीं है. मैं पता करता हूं. उनके निर्णय को मैं नहीं बदल सकता लेकिन इतना उनको जरूर कहूंगा कि वह जल्द से जल्द इस पर निर्णय करें.'

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गौरतलब है कि फरवरी 2016 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था. इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में चार्जशीट दायर की है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जनवरी 2019 में चार्जशीट दाखिल की थी.

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