जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर उठाए गए सरकार के कदम को लेकर सोमवार को कहा कि सरकार ने एकतरफा फैसला किया, भरोसे पर पूरी तरह धोखा. उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'सरकार ने इन विनाशकारी फैसलों के छल और छद्म तरीके से हाल के सप्ताहों में जमीन तैयार की. सरकार ने एकतरफा फैसला किया, भरोसे पर पूरी तरह धोखा. लंबी और मुश्किल लड़ाई आगे है, हम इसके लिए तैयार हैं.' वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, भारत कश्मीर के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहा. बता दें, सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया है.
मुफ्ती ने कहा कि 'अनुच्छेद 370 निरस्त' करने का सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर पर सारे अधिकार भारत को मिल जाएंगे. मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह दिन है. 1947 में दो राष्ट्रों के सिद्धांत को खारिज करने तथा भारत के साथ जाने का जम्मू कश्मीर नेतृत्व का फैसला भारी पड़ गया. अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है जो जम्मू-कश्मीर को चलाने का पूरा अधिकार भारत को दे देगा. यह उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा. भारत सरकार की मंशा साफ है. वे जम्मू कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस पर अपना अधिकार चाहते हैं. भारत कश्मीर के साथ किए गए वादों को निभाने में विफल रहा.'
Statement of Omar Abdullah, Vice-President of National Conference and former Chief Minister of Jammu & Kashmir, on revoking of Article 370 and other decisions announced by Government of India. pic.twitter.com/L9RXggb10k
— ANI (@ANI) August 5, 2019
पीडीपी नेता ने कहा कि राज्य के संबंध में उठाए गए कदमों पर मीडिया एवं सिविल सोसाइटी का खुशी मनाना ‘‘घृणास्पद एवं परेशान करने वाला है.” उन्होंने ट्वीट किया, “भारत सरकार की मंशा साफ एवं बेईमान हैं. वे भारत में केवल मुस्लिम बहुल राज्यों की आबादी की संरचना को बदलना चाहती है, मुस्लिमों को इस हद तक बेबस बना देना चाहते हैं कि वे अपने ही राज्य के दोयम दर्जे के नागरिक बन जाएं.
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किए जाने पर किसने क्या कहा?
साथ ही लिखा है, पहले से ही नजरबंद हूं और आगंतुकों को भी नहीं मिलने दिया जा रहा. पता नहीं कब तक संपर्क नहीं कर पाऊंगी. क्या यह वह भारत है जिसे हमने स्वीकार किया था?” पीडीपी अध्यक्ष और राज्य के कई अन्य नेता रविवार से ही नजरबंद हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, “हम जैसे लोगों के साथ धोखा हुआ जिन्होंने संसद, लोकतंत्र के मंदिर में भरोसा जताया. जम्मू-कश्मीर में वे तत्व जिन्होंने संविधान को खारिज किया और संयुक्त राष्ट्र के तहत समाधान चाहा वे सही साबित हुए. कश्मीरी जो अलगाव महसूस करते हैं उनका अलगाव यह और बढ़ाएगा.”
कश्मीर पर बड़ा फैसला: धारा 370 हटने पर महबूबा मुफ्ती बोलीं- आज भारतीय लोकतंत्र का स्याह दिन
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं