नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर फर्जी डिग्री मामले में जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह पूछताछ के दौरान सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं।
तोमर की पुलिस हिरासत को कल यहां एक अदालत ने दो दिन के लिए बढ़ा दिया था। पहला दिन पुलिस वालों के लिए काम नहीं आया क्योंकि जिन शिक्षण संस्थानों और सरकारी दफ्तरों में पुलिस उन्हें ले जाना चाहती थी, वे रविवार होने की वजह से बंद थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब जांच दल ने तोमर से पूछताछ की तो उन्होंने उत्तर नहीं दिया और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे आप विधायक को कल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ कॉलेजों में ले जाना चाहते हैं, जिससे जांच में और जानकारी सामने आ सकती है।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि तोमर द्वारा पेश किये गये दस्तावेज फर्जी हैं और मामले में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप दाखिल किये जा सकते हैं, जिसके बाद कल दिल्ली की एक अदालत ने तोमर की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी।
पुलिस ने यह भी कहा कि अपनी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कानून मंत्री का पद छोड़ चुके तोमर से उन लोगों के बारे में पता लगाने के लिए हिरासत में और पूछताछ जरूरी है जो कथित फर्जी शिक्षा प्रमाणपत्रों को हासिल करने के लिए उनके साथ मिले हुए थे।
त्रिनगर से विधायक 49 वर्षीय तोमर को 9 जून की सुबह गिरफ्तार किया गया था।
तोमर की पुलिस हिरासत को कल यहां एक अदालत ने दो दिन के लिए बढ़ा दिया था। पहला दिन पुलिस वालों के लिए काम नहीं आया क्योंकि जिन शिक्षण संस्थानों और सरकारी दफ्तरों में पुलिस उन्हें ले जाना चाहती थी, वे रविवार होने की वजह से बंद थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब जांच दल ने तोमर से पूछताछ की तो उन्होंने उत्तर नहीं दिया और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे आप विधायक को कल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ कॉलेजों में ले जाना चाहते हैं, जिससे जांच में और जानकारी सामने आ सकती है।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि तोमर द्वारा पेश किये गये दस्तावेज फर्जी हैं और मामले में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप दाखिल किये जा सकते हैं, जिसके बाद कल दिल्ली की एक अदालत ने तोमर की पुलिस हिरासत दो दिन के लिए बढ़ा दी।
पुलिस ने यह भी कहा कि अपनी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कानून मंत्री का पद छोड़ चुके तोमर से उन लोगों के बारे में पता लगाने के लिए हिरासत में और पूछताछ जरूरी है जो कथित फर्जी शिक्षा प्रमाणपत्रों को हासिल करने के लिए उनके साथ मिले हुए थे।
त्रिनगर से विधायक 49 वर्षीय तोमर को 9 जून की सुबह गिरफ्तार किया गया था।
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