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This Article is From Jun 10, 2015

तोमर हो सकते है फर्जी डिग्री बनाने वाले किसी बड़े सिंडिकेट का हिस्सा

तोमर हो सकते है फर्जी डिग्री बनाने वाले किसी बड़े सिंडिकेट का हिस्सा
नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर ने पुलिस हिरासत में दिल्ली से फैजाबाद का सफर तय किया। यहां पुलिस उन्हें राम मनोहर लोहिया विश्‍वविद्यालय ले गई तोमर का दावा है कि उन्होंने 1988 में यहां से बीएससी की, जिसकी डिग्री 2011 में निकाली। लेकिन जब पुलिस ने तोमर का विश्‍वविद्यालय के अधिकारियों से सामान कराया तो तोमर कोई ठोस दलील नहीं दे सके।

अवध विश्‍वविद्यालय के प्रवक्ता यू.एन. शुक्ला ने तोमर के दावे को खारिज करते हुए फिर कहा कि विश्‍वविद्यालय में तोमर की डिग्री से जुड़ा कोई भी दस्तावेज मौजूद नहीं है यानी स्नातक की डिग्री फर्जी है।

इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें ये दिख रहा है कि दिल्ली पुलिस ने किस तरह उन्हें दफ़्तर से हिरासत में लिया। तस्वीरों से ये भी साफ है कि उन्हें हिरासत में लेते समय जोर जबरदस्ती नहीं की गई। अब पुलिस कह रही है कि अगर जितेंद्र तोमर ने कहीं से फ़र्ज़ी डिग्री जुटाई है तो उसके पीछे एक रैकेट भी हो सकता है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने बताया कि अगर तोमर ने ये डिग्री किसी से ली है तो उस गैंग की पूरी जांच की जाएगी हो सकता है इस गिरोह ने कई लोगों को इस तरह की फर्जी डिग्रियां मुहैया कराईं हो।

फैजाबाद के बाद पुलिस तोमर को बिहार के मुंगेर और भागलपुर ले जाएगी जहां उनकी लॉ की डिग्री की तस्दीक की जाएगी। वहीं झांसी के बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि तोमर का माइग्रेशन सर्टिफिकेट फर्जी है। वहीं तोमर अब भी दावा कर रहे हैं कि उनकी लॉ और स्नातक की डिग्री फर्जी नहीं है, उनका कहना है कि ये पूरी साजिश केंद्र सरकार की है।

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