"जीजाजी की नज़र है सीट पर...", अमेठी में कांग्रेस प्रत्याशी घोषित न होने पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर कसा तंज़

स्मृति ईरानी की यह टिप्पणी उन अटकलों के बाद आई है, जिनमें रॉबर्ट वाड्रा के अमेठी से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी. अमेठी लम्बे अरसे से कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को पराजित कर दिया था.

उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस द्वारा अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर अमेठी से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मौजूदा सांसद तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि राहुल गांधी ने 15 वर्ष सांसद रहकर जितना काम करवाया था, उससे ज़्यादा वह सिर्फ़ पांच वर्ष में करवा चुकी हैं.

स्मृति ईरानी की यह टिप्पणी उन अटकलों के बाद आई है, जिनमें रॉबर्ट वाड्रा के अमेठी से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी. अमेठी लम्बे अरसे से कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है, लेकिन 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को पराजित कर दिया था. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान अमेठी में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा.

अमेठी में एक सभा में स्मृति ईरानी ने कहा, "जीजा जी की नज़र सीट पर है, साले साहब (राहुल गांधी) क्या करेंगे...? एक समय था, जब बसों में सफ़र करने वाले लोग अपनी सीट पर निशानी लगाने के लिए अपना रूमाल छोड़ दिया करते थे, ताकि उस पर कोई न बैठे... राहुल गांधी भी रूमाल से अपनी सीट पर निशान लगाने आएंगे, क्योंकि उनके जीजा जी की नज़र इस सीट पर है..."

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, "क्या ऐसा कभी हुआ है...? चुनाव में सिर्फ़ 27 दिन बचे हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है... इतना अहंकार...? जो मैं पांच साल में कर सकी हूं, राहुल गांधी 15 साल में भी नहीं कर सके..."

2019 के चुनाव में हारने से पहले राहुल गांधी ने लगातार तीन बार अमेठी का प्रतिनिधित्व किया था. इस सीट का प्रतिनिधित्व अतीत में उनके माता-पिता सोनिया गांधी और राजीव गांधी और चाचा स्वर्गीय संजय गांधी ने किया है और इसे कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था.

केरल की वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी से हाल ही में पूछा गया था कि क्या वह अमेठी में भी कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे, तो उन्होंने जवाब दिया था, "पार्टी मुझे जो आदेश देगी, मैं वही करूंगा..."

इससे पहले, रॉबर्ट वाड्रा ने यह कहकर अटकलों का बाज़ार गर्म कर दिया था कि अमेठी के लोगों को लगता है कि अगर वह वहां चुनाव लड़ते हैं, तो 'उनके पास स्मृति जी को चुनने की अपनी गलती को सुधारने का विकल्प होगा...' उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि अगर मैं चुनाव लड़ूंगा, तो वे भारी अंतर से मेरी जीत सुनिश्चित करेंगे..."

वायनाड सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होना है, और अमेठी लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई है, सो, माना जा सकता है कि राहुल गांधी वायनाड में मतदान होने के बाद अमेठी से अपने नामांकन की घोषणा कर सकते हैं.

इस बीच अमेठी में स्मृति ईरानी का प्रचार अभियान ज़ोरों पर चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी 26 अप्रैल के बाद अमेठी आएंगे और लोगों को जाति के नाम पर बांटने की कोशिश करेंगे. एक स्थानीय बैठक में उन्होंने कहा, "26 अप्रैल को वायनाड में मतदान के बाद राहुल गांधी यहां आएंगे और सभी को बताएंगे कि अमेठी उनका परिवार है और जातिवाद की आग भड़काएंगे... राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में भगवान श्री राम के अभिषेक समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, लेकिन वह अमेठी में मंदिरों के आसपास घूमते नज़र आएंगे, इसलिए सावधान और सतर्क रहने की ज़रूरत है..."

गौरतलब है कि कांग्रेस के शीर्ष नेता इसी वर्ष जनवरी में अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हुए थे और उन्होंने BJP पर अयोध्या मंदिर को राजनीतिक परियोजना बनाने का आरोप लगाया था.

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स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संसद में कभी भी अमेठी के मुद्दे नहीं उठाए और सांसद के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिला.