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This Article is From Sep 03, 2022

झारखंड टेकऑफ़ विवाद : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई FIR

इस मामले में कुंडा थाने में दोनों सांसदों निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और एयरपोर्ट के डायरेक्टर सहित नौ लोगों पर आईपीसी की धारा 336, 447 और 448 के तहत केस दर्ज किया गया है. 

झारखंड टेकऑफ़ विवाद : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई FIR
पटना:

देवघर से टेक-ऑफ के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से जबरन मंजूरी लेने के मामले में एक नया मोड आ गया है. दरअसल, सांसद सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर के डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ केस दर्ज कराया है. उन्होंने ट्वीट किया है कि, ''यह देश क़ानून से चलता है देवघर के डीसी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने धारा124b,353,120b,441,448,201,506 व ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा 2/2 के तहत FIR दर्ज की है.'' एक अन्य ट्वीट में दुबे ने कहा है कि, ''एसपी देवघर पुलिस मैंने डीसी देवघर के खिलाफ देशद्रोह,आपराधिक जान से मारने का कृत्य, चेयरमैन देवघर एयरपोर्ट के नाते मेरे काम में बाधा, एयरपोर्ट डायरेक्टर की अनुमति के बिना सिक्योरिटी एरिया में जाना, ATC बिल्डिंग में बिना अनुमति प्रवेश पर FIR करने का पत्र भेजा है.''

हालांकि, टेकऑफ मामले को लेकर कुंडा थाने में दोनों सांसदों निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और एयरपोर्ट के डायरेक्टर सहित नौ लोगों पर आईपीसी की धारा 336, 447 और 448 के तहत केस दर्ज किया गया है. 

देवघर के डिप्टी कमिश्नर ने झारखंड के प्रधान सचिव को दो सितंबर को लिखे पत्र में पूरे मामले से अवगत कराया है. उन्होंने बताया है कि प्लेन में सवार होने के बाद पायलट विमान से बाहर आया और एटीसी की ओर चलने लगा.

उन्होंने पत्र में बताया है कि 31 अगस्त को स्थानीय सूर्यास्त का समय शाम 06.03 बजे था और हवाई सेवाएं शाम 05.30 बजे तक संचालित की जानी थीं. निशिकांत दुबे और अन्य एटीसी कक्ष के अंदर आ गए. सुरक्षा प्रभारी ने कहा कि पायलट और यात्री उड़ान भरने के लिए मंजूरी के लिए दबाव बना रहे थे. उन्हें इजाजत दे दी गई.

पुलिस ने चार्टड प्लेन के पायलट, गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी, कनिष्क कांत दुबे, माहिकांत दुबे, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी और एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

देवघर एयरपोर्ट एडवाइज़री कमेटी के चेयरमैन और गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर के पुलिस अधीक्षक को पत्र भी लिखा है. उन्होंने पत्र में कहा है कि, ''भारत सरकार के नियमों के अंतर्गत देवघर एयरपोर्ट की एडवाइज़री कमेटी का मैं चेयरमैन हूं. 31 तारीख को मैं शाम के 5.15 बजे देवघर एयरपोर्ट पर दिल्ली का विमान पकड़ने के लिए पहुंचा. मेरे साथ भाजपा के सांसद मनोज तिवारी जी, जो नागरिक विमानन विभाग के स्थाई समिति के अध्यक्ष हैं, वे भी थे. विमान के अंदर हम लोग लगभग 5.25 बजे अपनी सुरक्षा जांच कर पहुंच गए.'' 

उन्होंने लिखा है- ''आपकी जानकारी के लिए पिछले कुछ दिनों से देवघर एयरपोर्ट पर विमान का आवागमन नाइट लैंडिंग सुविधा नहीं रहने के कारण बाधित हो रहा है जिसका केस झारखंड हाईकोर्ट में लम्बित है. उस केस की सुनवाई इसी महीने होगी. इस सिलसिले में एयरपोर्ट डायरेक्टर से मैंने जानकारी लेने के लिए उनके कार्यालय जाने का निर्णय उनसे बात कर लिया. चूंकि समय कम था इसलिए मैंने नंगे पांव ही जल्दबाज़ी में जाने का फ़ैसला किया. जाने के क्रम में झारखंड पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों ने मुझे जाने से रोका व मेरे दोनों पुत्र जो मेरा चप्पल जूता लेकर आ रहे थे, उनके साथ गाली-गलौज की. मुझे जान से मारने की धमकी दी. मेरे कार्य में बाधा पहुंचाने का काम उन्होंने देवघर के जिला उपायुक्त मंजूनाथ के कहने पर किया.'' 

उन्होंने कहा है कि, ''इसका खुलासा दूसरे दिन हुआ जब वे बिना इजाज़त के देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा क्षेत्र में, डीआरडीओ के रेस्टिक्टेड क्षेत्र में, जहां जाने की अनुमति केवल प्रधानमंत्री कार्यालय देता है, गए. वहां एयरपोर्ट डायरेक्टर ने उनको समझाने का प्रयास किया जहां पर उन्होंने अपने रसूख़ का धौंस दिखाया. मेरे कार्य में बाधा पहुंचाने, बिना इजाज़त डीआरडीओ क्षेत्र में जाने व एयरपोर्ट डायरेक्टर को धौंस के लिए ज़िला उपायुक्त देवघर के देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़, कार्य में बाधा,फ़ौजदारी ट्रेस पास व मेरे ख़िलाफ़ जान से मारने के लिए पुलिस को उकसाने के लिए संबंधित धारा में केस दर्ज किया जाए. उचित धाराओं में झारखंड पुलिस पर भी केस दर्ज किया जाए.''

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