झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद के लक्जरी रिसॉर्ट में ठहराया गया

पुलिस ने रिसॉर्ट की ओर जाने वाले संपर्क मार्गों पर अवरोधक लगा दिए हैं और इसमें प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. पुलिस ने बताया कि नियमित सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया है.

झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद के लक्जरी रिसॉर्ट में ठहराया गया

हैदराबाद: झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को शुक्रवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित लियोनिया होटल में ठहराया गया है. लियोनिया होटल एक लक्जरी सुविधा केंद्र है और यह विभिन्न सामाजिक आयोजनों के लिए एक प्रमुख स्थल है.

होटल की वेबसाइट के मुताबिक, शमीरपेट में स्थित 'लियोनिया होलिस्टिक डेस्टिनेशन' में कई विशाल बैंक्वेट हॉल हैं. यहां बैठकों और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसमें सम्मेलन कक्ष, बैठकों के लिए कमरे और बाहरी स्थान शामिल हैं, जहां सम्मेलनों, सेमिनारों, कार्यशालाओं और अन्य प्रकार की बैठकों का आयोजन किया जा सकता है.

पुलिस ने रिसॉर्ट की ओर जाने वाले संपर्क मार्गों पर अवरोधक लगा दिए हैं और इसमें प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. पुलिस ने बताया कि नियमित सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया है.

इससे पहले झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायक रांची से दो विमानों से यहां बेगमपेट हवाई अड्डे पर उतरे. इसके बाद उन्हें लक्जरी बसों में रिसॉर्ट में ले जाया गया.

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि करीब 40 विधायक बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंचे. कांग्रेस की तेलंगाना इकाई की प्रभारी दीपा दास मुंशी और राज्य के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने विधायकों की अगवानी की.

दो दिन की राजनीतिक अनिश्चितता के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेगी.

चंपई सोरेन के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने उन्हें यहां राजभवन में पद की शपथ दिलाई.

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के 38 विधायकों को हैदराबाद भेजा गया, ताकि विश्वास मत से पहले खरीद-फरोख्त के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसी भी प्रयास को रोका जा सके.

सत्तारूढ़ गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘ हमें सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. हम इस दौरान कोई जोखिम नहीं उठा सकते क्योंकि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है. ''

इस बीच, भाजपा की झारखंड इकाई ने शुक्रवार को झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद स्थानांतरित करने को सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर आंतरिक मतभेदों को छिपाने के लिए एक राजनीतिक पैंतरेबाज़ी करार दिया.

भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है और इन आरोपों को झूठा तथा निराधार करार दिया.

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भाजपा के वरिष्ठ नेता अमर बौरी ने कहा, ‘‘ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को भाजपा से कोई खतरा नहीं है, लेकिन वे अपने आंतरिक मतभेदों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा पर लगाया गया आरोप और कुछ नहीं, बल्कि लोगों का ध्यान भटकाने की एक कोशिश है.''



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)