किसानों, कृषि संकट और प्रवास की पीड़ा पर आधारित तमिल विद्वान और साहित्यकार पेरूमल मुरूगन (Perumal Murugan) की कृति ''फायर बर्ड ' (Fire Bird) को शनिवार को 2023 का साहित्यिक क्षेत्र का देश का प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर' प्रदान किया गया. ‘फायर बर्ड' का तमिल भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद जननी कन्नन द्वारा किया गया है. तमिल में इसे ‘आलंदा पातची' शीर्षक से प्रकाशित किया गया है.
पुरस्कार की घोषणा किए जाने के बाद पेरूमल मुरूगन ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘यह केवल मेरे पूर्वजों की कहानी नहीं है . यह केवल मेरे परिवार के जीवन या मेरी अपनी कहानी नहीं दर्शाती . मैं समझता हूं कि फायर बर्ड से वह प्रत्येक व्यक्ति जुड़ाव महसूस करेगा जिसने प्रवासन की पीड़ा को झेला है. प्रवास की पीड़ा और उससे उपजी यात्राओं के अनुभवों ने इस उपन्यास का आधार तैयार किया.''
पेरूमल मुरूगन के अभी तक 12 उपन्यास, छह लघु कहानी संग्रहों के अलावा काव्य संग्रह और गैर गल्प पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ‘सीजन्स आफ पाम', ‘वन पार्ट वीमैन', ‘ए लोन्ली हार्वेस्ट', ‘ट्रेल बाई साइलेंस', ‘राइजिंग हीट' और ‘पायरी' प्रमुख हैं. 'पायरी' को 2023 में इंटरनेशनल बुकर प्राइज की 'लांगलिस्ट' में शामिल किया गया था.
भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित करने का अवसरजेसीबी के अध्यक्ष लॉर्ड बैमफोर्ड ने वीडियो संदेश में ‘फायर बर्ड' को 2023 का जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर दिए जाने की घोषणा करने के साथ ही पेरूमल मुरूगन को बधाई दी . उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार भारतीय सांस्कृतिक विविधता की समृद्ध विरासत को सम्मानित करने का अवसर है.
पेरूमल मुरूगन की गैर मौजूदगी में उनकी ओर से यह पुरस्कार जेसीबी इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ( सीईओ) और प्रबंध निदेशक दीपक शेट्टी द्वारा तमिल प्रकाशक सुंदरराम कन्नन और पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया की एडिटर इन चीफ मानसी सुब्रमण्यम को प्रदान किया गया.
25 लाख रुपये का पुरस्कारपुरस्कार के तहत 25 लाख रुपये और दिल्ली के शिल्पकारों ठुकराल और तागरा द्वारा बनाई गई प्रतिमा ‘मिरर मेल्टिंग' प्रदान की गई.
‘जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर' के छठे संस्करण की 'शॉर्टलिस्ट' की घोषणा 20 अक्टूबर को जयपुर में की गई थी. इसमें तेजस्विनी आप्टे-रहम की ‘द सीक्रेट ऑफ मोर', मनोरंजन ब्यापारी की ‘द नेमेसिस', पेरुमल मुरुगन की ‘फायर बर्ड', विक्रमजीत राम की ‘मंसूर' और मनोज रूपडा द्वारा लिखित ‘आई नेम्ड माय सिस्टर साइलेंस' पुरस्कारों के दावेदारों की सूची में जगह बनाने में सफल हुई थीं. इनमें बंगाली, हिंदी और तमिल भाषाओं की तीन अनूदित पुस्तकें भी शामिल थीं.
जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर 2023 जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर के तहत हर साल किसी प्रतिष्ठित भारतीय लेखक को उनकी साहित्यिक कृति के लिए 25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है. विजेता के लिए प्रविष्टि अगर अनूदित है, तो अनुवादक को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इसके साथ ही शॉर्टलिस्ट में शामिल पांचों लेखकों को एक-एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया जाता है और शॉर्टलिस्ट में शामिल उपन्यास अगर अनूदित है तो फिर अनुवादक को भी 50,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है.
जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर की अब तक की यात्रा की चर्चा करते हुए, साहित्यिक निदेशक मीता कपूर ने कहा‘‘ जेसीबी प्राइज फॉर लिटरेचर ने अपनी उत्कृष्टता को बरकरार रखा है और उन साहित्यिक रचनाओं के उत्सव में शामिल है जो हमें अपनी आंतरिक दुनिया, विविध वास्तविकताओं, यादगार पात्रों में खोने के लिए मजबूर कर देती हैं.'
पुरस्कार का चयन लेखक अनुवादक श्रीनाथ पेरूर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय ज्यूरी द्वारा किया गया जिनमें नाट्य लेखक और स्टेज डायरेक्टर महेश दत्तानी, लेखक और आलोचक सोमक घोषाल, लेखक कावेरी नाम्बिसान, पत्रकार और फिल्म निर्माता स्वाति त्यागराजन शामिल थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं