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गढ़चिरौली में गर्भवती महिला के लिए 'देवदूत' बनी जेसीबी पोकलैंड मशीन

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की भामरागढ़ तहसील में बारिश में रास्ते बंद, जेसीबी पोकलैंड की बकेट में बिठाकर गर्भवती महिला को नदी पार कराई

गढ़चिरौली में गर्भवती महिला के लिए 'देवदूत' बनी जेसीबी पोकलैंड मशीन
महिला को जेसीबी पोकलैंड मशीन की बकेट में बिठाकर नदी के दूसरे किनारे पर ले जाया गया.
मुंबई:

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचने में जेसीबी पोकलैंड मशीन से मदद मिली. जिले के भामरागढ़ तालुका के कुड़केली की 20 साल की झुरी संदीप मडावी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इन हालात में उसे जेसीबी पोकलैंड मशीन की बाल्टी में बैठाकर नदी पार कराना पड़ा. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुड़केली के झुरी मडावी को 18 जुलाई को सुबह प्रसव पीड़ा हुई. इसकी जानकारी आशा कार्यकर्ता संगीता शेगमकर ने बोटनफुंडी की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ऋचा श्रीवास्तव को दी. वे तुरंत ताड़गांव स्वास्थ्य टीम की एंबुलेंस लेकर कुड़केली के लिए रवाना हो गईं. हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुड़केली के पास नाले से बाढ बहने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी. 

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इसके बाद आशा कार्यकर्ता शेगमकर ने ग्रामीणों की मदद से गर्भवती मां को करीब तीन किलोमीटर पैदल चलकर नाले तक पहुंचाया, लेकिन नाले के दूसरी ओर एंबुलेंस होने के कारण गर्भवती मां नाले को पार नहीं कर सकती थी. इसलिए ग्रामीणों की मदद से उसे पुल निर्माण के लिए वहां मौजूद जेसीबी पोकलैंड के बकेट में बिठाकर नदी पार करानी पड़ी.

अलापल्ली से भामरागढ़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर विभिन्न स्थानों पर पुल निर्माण कार्य चल रहा है. इस इलाके में 16 और 17 जुलाई को भारी बारिश के कारण यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग सुदृढ़ नहीं होने के कारण बंद हो गए हैं. इस स्थिति में गर्भवती महिला को जान जोखिम में डालकर पैदल सफर करना पड़ा. पुल निर्माण स्थल पर जेसीबी पोकलैंड न होती तो गर्भवती मां की जान खतरे में पड़ जाती. 

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गर्भवती महिला को एम्बुलेंस में नदी के पार ले जाया गया और उसे कुड़केली नदी से 12 किलोमीटर दूर भामरागढ़ ग्रामीण अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया. सौभाग्य से वह सुरक्षित रूप से ग्रामीण अस्पताल पहुंच गई. अस्पताल मैं पहुंचने के बाद उस गर्भवती महिला का इलाज चल रहा है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रताप शिंदे ने यह जानकारी दी है.

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