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जरांगे को फटकार... महाराष्‍ट्र सरकार से सवाल... जानें मराठा आंदोलन मामले में बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने क्‍या कहा, 10 बड़ी बातें

मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बॉम्‍बे हाई कोर्ट का सख्‍त रुख देखने को मिला. पीठ ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से पैदा हालात को लेकर अपनी नाराजगी जताई. हालांकि आंदोलनकारियोंं को 3 सितंबर की सुबह तक रहने की अनुमति दे दी.

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मुंबई :

मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बॉम्‍बे हाई कोर्ट का सख्‍त रुख देखने को मिला. पीठ ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से पैदा हालात को लेकर अपनी नाराजगी जताई. हालांकि आंदोलनकारियोंं को 3 सितंबर की सुबह तक रहने की अनुमति दे दी.

बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे को अनशन स्थल ‘आजाद मैदान' में तीन सितंबर की सुबह तक रहने की अनुमति दे दी है. इससे पहले, मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बॉम्‍बे हाई कोर्ट का सख्‍त रुख देखने को मिला. चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से पैदा हालात को लेकर अपनी नाराजगी जताई. हाई कोर्ट ने इससे पहले मराठा आरक्षण नेता और प्रदर्शनकारियों को मंगलवार दोपहर तीन बजे तक मैदान खाली करने का निर्देश दिया था. अदालत ने राज्य सरकार के प्रति भी नाखुशी जताई और सवाल किया कि प्रशासन ने उसके आदेशों का पालन क्यों नहीं किया और इलाके को जबरन खाली कराने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए गए. आइए जानते अदालत की 10 बड़ी बातें. 

  1. हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि यदि बुधवार तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वह आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी और कानून की गरिमा बनाए रखने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है. पीठ के समक्ष जरांगे ने अपने वकील के जरिए अनुरोध किया था कि बुधवार तक उन्हें मैदान में रहने की अनुमति दी जाए, क्योंकि तब तक कोई समाधान निकलने की संभावना है, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया.  

  2. साथ ही पीठ ने चेतावनी दी कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो उनपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और अवमानना ​​की कार्रवाई की जाएगी. 

  3. अदालत ने टिप्पणी की कि जरांगे वह व्यक्ति प्रतीत होते हैं, जो 5,000 व्यक्तियों की अनुमत सीमा से अधिक लोगों को मुंबई आने के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार हैं. पीठ ने कहा कि इस मामले में कई अन्य गंभीर मुद्दे भी शामिल हैं, जिनके बारे में जरांगे और उनकी टीम को जवाब देना होगा. 

  4. बॉम्‍बे हाई कोर्ट की पीठ ने मराठा आंदोलनकारियों से सवाल किया कि आपको 5000 लोगों के साथ इजाजत दी गई थी, आपने क्या किया. यहां आने से पहले आपने क्या स्टेप्स लिए. आपको जब पता चला कि 60 हजार से एक लाख लोग शहर में आए हैं तो आपने क्या किया? साथ ही कोर्ट ने मनोज जरांगे पाटिल के वकील से कहा कि जितने भी वाहन आए हैं, उसकी डिटेल्‍स कोर्ट को मुहैया करवाएं.

  5. अदालत ने कहा, ‘‘आपने किस अधिकार से आजाद मैदान पर कब्‍जा किया है? अगर आपके कहने पर इतने सारे लोग यहां आते हैं, तो वे निश्चित रूप से आपकी बात मानेंगे. हमें इस देश में कानून का राज बनाए रखना है. यह महत्वपूर्ण है.''

  6. साथ ही पीठ ने कहा कि हम लोग राज्य सरकार से भी पूछेंगे की उन्होंने क्या किया. हम राज्‍य सरकार से संतुष्‍ट नहीं हैं. हाई कोर्ट ने कहा, ‘‘हम राज्य (सरकार) के आचरण से बहुत नाखुश हैं. सरकार ने अदालत के आदेशों को लागू क्यों नहीं किया? राज्य सरकार कदम उठा सकती थी और क्षेत्र को जबरन खाली करवा सकती थी.''

  7. अदालत ने मंगलवार को पहली सुनवाई के दौरान कहा कि उन्‍हें तुरंत जगह छोड़नी होगी, नहीं तो हम एक्शन लेंगे. अदालत ने कहा कि हम कोर्ट की अवमानना के तहत भी जा सकते हैं. जनता के मन में डर का माहौल हैं और वो सड़क पर डांस कर रहे हैं.  

  8. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार भी बताए कि उन्होंने कोर्ट के आदेश को फॉलो करने के लिए क्‍या किया. उन्‍होंने कहा कि मैंने देखा कि मुझे एयरपोर्ट से मेरे घर तक पुलिस की पेट्रोलिंग व्हिकल तक नजर नहीं आई. मैं समय बता सकता हूं. 

  9. अब इस मामले में अगली सुनवाई कल दोपहर एक बजे होगी. माना जा रहा है कि यदि आदेश की अवहेलना होती है कोर्ट सख्‍त कदम उठा सकता है. 

  10. जरांगे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समूह के तहत मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में पांच दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं.


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