जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर की जामा मस्जिद के बाहर एक पुलिस अधिकारी की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने को 'शर्मनाक' करार दिया और कहा कि अगर पुलिस के सब्र का बांध टूट गया तो गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती है. महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस देश में सबसे बेहतरीन पुलिस बल में से एक है और वह अधिकतम संयम का परिचय दे रही है.
उन्होंने कहा, इससे (पुलिस अधिकारी की हत्या) शर्मनाक क्या हो सकता है. मैं यह कहना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस देश में सबसे बेहतरीन पुलिस बल में से एक है, लेकिन वह अधिकतम संयम दिखा रही रही है, क्योंकि उन्हें लगता है कि जम्मू-कश्मीर में वे अपने लोगों से निपट रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, परंतु, कितने समय तक? जिस दिन उनका सब्र खत्म हो गया उस दिन मुझे लगता है कि चीजें मुश्किल हो जाएंगी. मैं लोगों से अपील करती हूं कि अब भी समय है और हमें समझना चाहिए. पुलिस बल हमारा अपना बल है, वे हमारे बच्चे हैं और उनके साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है. जामा मस्जिद के बाहर भीड़ ने पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद अय्यूब पंडित की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
महबूबा ने कहा कि अधिकारी निजी काम से मस्जिद नहीं गया था, बल्कि वह लोगों की जिंदगी की हिफाजत करने और अपनी ड्यूटी निभाने गया था. उन्होंने कहा, कुछ दिनों पहले एक एसएचओ और पांच पुलिसकर्मी मारे गए थे और अब यह डीएसपी..यह शर्मनाक घटना है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि आप की हिफाजत करने वाले लोग आपको लेकर संयम दिखाते हैं, लेकिन आप उनके साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं. अगर उनके सब्र का बांध टूट गया तो खुदा ना करे कि ऐसा समय आए जब लोगों को सड़क पर पुलिस की जिप्सी देखकर भागना पड़े.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, इससे (पुलिस अधिकारी की हत्या) शर्मनाक क्या हो सकता है. मैं यह कहना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस देश में सबसे बेहतरीन पुलिस बल में से एक है, लेकिन वह अधिकतम संयम दिखा रही रही है, क्योंकि उन्हें लगता है कि जम्मू-कश्मीर में वे अपने लोगों से निपट रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, परंतु, कितने समय तक? जिस दिन उनका सब्र खत्म हो गया उस दिन मुझे लगता है कि चीजें मुश्किल हो जाएंगी. मैं लोगों से अपील करती हूं कि अब भी समय है और हमें समझना चाहिए. पुलिस बल हमारा अपना बल है, वे हमारे बच्चे हैं और उनके साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है. जामा मस्जिद के बाहर भीड़ ने पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद अय्यूब पंडित की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
महबूबा ने कहा कि अधिकारी निजी काम से मस्जिद नहीं गया था, बल्कि वह लोगों की जिंदगी की हिफाजत करने और अपनी ड्यूटी निभाने गया था. उन्होंने कहा, कुछ दिनों पहले एक एसएचओ और पांच पुलिसकर्मी मारे गए थे और अब यह डीएसपी..यह शर्मनाक घटना है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि आप की हिफाजत करने वाले लोग आपको लेकर संयम दिखाते हैं, लेकिन आप उनके साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं. अगर उनके सब्र का बांध टूट गया तो खुदा ना करे कि ऐसा समय आए जब लोगों को सड़क पर पुलिस की जिप्सी देखकर भागना पड़े.
वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुख ने भी इसकी निंदा की है.मीरवाइज ने एक ट्वीट में कहा, नौहट्टा में हुए बर्बर कृत्य से काफी परेशान हूं और निंदा करता हूं. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भीड़ की हिंसा न ही कश्मीरी मूल्यों का हिस्सा हैं और ना ही इस्लामी शिक्षा का है. उन्होंने ट्वीट किया, भीड़ की हिंसा और लोगों द्वारा पीट-पीट कर हत्या करना हमारे मूल्य और मजहब के मापदंडों से बाहर है. भीड़ ने पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद अय्यूब पंडित को मस्जिद के बाहर निर्वस्त्र करके पत्थर मार-मारकर उनकी हत्या कर दी थी.Deeply disturbed & condemn the brutal act at Nowhatta.Mob violence & public lynching is outside the parameters of our values & religion....
— Mirwaiz Umar Farooq (@MirwaizKashmir) June 23, 2017
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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