भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी के गांवों के घेर कर आतंकियों की तलाशी शुरू कर दी गई है.
नई दिल्ली:
कश्मीर घाटी में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच शोपियां और पुलवामा ज़िले में सुरक्षाबलों का बड़ा एंटी-टेरर ऑपरेशन चल रहा है. ये अभियान बुधवार देर रात शुरू किया गया. कई वीडियो सामने आए थे जिनमें आतंकी इन इलाक़ों में आराम से घूमते हुए दिखे थे, इसके बाद सुरक्षाबलों ने ये ऑपरेशन चलाया है. सुरक्षा बलों ने शोपियां इलाके के करीब 30 गांवों को घेरा है.इन गावों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. आतंकियों के गड़ दक्षिण कश्मीर के शोपियां इलाक़े में यह एक बहुत बड़ा सर्च अभियान सुरक्षा बल कर रहे है जो पिछले कई सालों में सबसे बड़ा बताया जा रहा है.
इन इलाक़ों में आतंकी खुले आम घूम रहे हैं
जानकारी है की सुरक्षा बलों के पास सटीक जानकारी है की इन इलाक़ों में आतंकी खुले आम घूम रहे है और गांव वाले भी उनकी मदद कर रहे हैं. "आतंकियों को उनके छुपे हुए इलाक़ों से निकलना है और लोगों में ये भरोसा जगाना है कि क़ानून व्यवस्थथा अभी भी क़ायम है. (कश्मीर में सेना की कार्रवाई पर सेना प्रमुख विपिन रावत बोले - ऑपरेशन की जानकारी पहले नहीं दी जाती, बाद में बताया जाता है)
ऑपरेशन से जुड़े हुए एक अफ़सर ने एनडीटीवी को फ़ोन पर बताया कि पिछले कुछ दिनो में कई ऐसे वीडीओ सोशल मीडिया में वाइरल हुए हैं जिनमें आतंकी शोपीयां के जिंग्लिंग में घूमते हुए दिखाई दिए हैं. उनमें से कई वीडीओ में वो उसे "फ़्री ज़ोन" भी कह रहे हैं.
उधर, इस इलाक़े में क़ानून व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई सवाल राज्य पुलिस से पूछे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर की हालात को लेकर फ़िलहाल भी मीटिंग चल रही है. राज्य पुलिस के डीजीपी एसके वेद केंद्रीय गृह सचिव को हालात के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
दरअसल पिछले दो दिन में जो तीन बैंक लूटे गए वो भी दक्षिण कश्मीर में ही हैं. जो मंत्रालय तक ख़बरें पहुंची हैं उनके मुताबिक़ जब आतंकियों ने पुलिस वालों से हथियार छीने तब पुलिस वालों ने बिलकुल रोक-टोक नहीं की."
कैसे पुलिस वालों ने अपने हथियार आतंकियों को सौंप दिए?
मंत्रालय के एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, हथियार तो पुलिस वालों के पास थे. कैसे उन्होंने अपने हथियार उन्हें सौंप दिए. ये जांच का विषय है. हालाँकि राज्य पुलिस तर्क दे रही है कि आतंकी सॉफ़्ट टार्गट पर अटैक कर कर रही है.
इस बार सुरक्षा बलों ने रिएक्शन नहीं दिया, एक्शन लिया है
जानकारी मिली है और कहा जा रहा है कि अब तक का यह सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया है. पुलिस ने दो दर्जन से ज्यादा गांवों को घेर लिया है. पुलिस ने सारी तैयारी कर ली है. इस बार सुरक्षा बलों ने रिएक्शन नहीं दिया, एक्शन लिया है. रैपिड एक्शन फोर्ट की टुकड़ी को भी तैनात किया गया है. अकसर देखा गया है कि कई लोगों आतंकियों को बचाने के लिए सड़क पर उतर आते हैं. इसी वजह से पुलिस ने पहले ही सारी तैयारी कर ली है. बता दें कि कुछ दिन पहले राज्य में आतंकियों ने बैंकों में भी डाका टाला, कई कैश वैन को भी लूटा है. इसके अलावा कुछ आतंकियों ने थाने पर भी धावा बोला था और हथियार लूट के ले गए थे.
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पुलिस बल के कुछ गांवों में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा जहां पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है. कुछ असामाजिक तत्त्वों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दिया था यह बयान
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान ने भारतीय जवानों से बर्बरता के पीछे पाकिस्तान की सेना का हाथ होने से इनकार किया है. जेटली ने कहा कि पाकिस्तान के इनकार पर यकीन करने की कोई वजह नहीं है. पाक सेना की मदद के बिना ये संभव नहीं था. साथ ही रक्षा मंत्री ने लोगों से भारतीय सेना पर भरोसा बनाए रखने की अपील की है. इससे पहले बुधवार को भारत ने पाक उच्चायुक्त को तलब कर जवानों के साथ हुई कायराना हरकत में पाक सेना का हाथ होने के पर्याप्त सबूत दिए. साथ ही जिम्मेदार कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान की कार्रवाई पर भारत द्वारा संभावित जवाब से जुड़े सवाल के उत्तर में कहा, अपनी सेना पर भरोसा रखिए. जेटली ने कहा कि दो सैनिकों का हत्या करने और उनके शरीर के साथ बर्बरता करने वालों को बचाने के लिए बचाव गोलीबारी की गई और पाकिस्तान ने हमलावरों को भागने में मदद की.
सूत्रों के मुताबिक़ सेना के 3,000 सैनिकों के अलावा सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान इस ऑपरेशन में शामिल हैं. दो दर्जन से ज़्यादा गांवों और जंगलों में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन चल रहा है.
इन इलाक़ों में आतंकी खुले आम घूम रहे हैं
जानकारी है की सुरक्षा बलों के पास सटीक जानकारी है की इन इलाक़ों में आतंकी खुले आम घूम रहे है और गांव वाले भी उनकी मदद कर रहे हैं. "आतंकियों को उनके छुपे हुए इलाक़ों से निकलना है और लोगों में ये भरोसा जगाना है कि क़ानून व्यवस्थथा अभी भी क़ायम है. (कश्मीर में सेना की कार्रवाई पर सेना प्रमुख विपिन रावत बोले - ऑपरेशन की जानकारी पहले नहीं दी जाती, बाद में बताया जाता है)
ऑपरेशन से जुड़े हुए एक अफ़सर ने एनडीटीवी को फ़ोन पर बताया कि पिछले कुछ दिनो में कई ऐसे वीडीओ सोशल मीडिया में वाइरल हुए हैं जिनमें आतंकी शोपीयां के जिंग्लिंग में घूमते हुए दिखाई दिए हैं. उनमें से कई वीडीओ में वो उसे "फ़्री ज़ोन" भी कह रहे हैं.
(शोपियां में तैनात सेना की बख्तरबंद गाड़ी)
उधर, इस इलाक़े में क़ानून व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई सवाल राज्य पुलिस से पूछे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर की हालात को लेकर फ़िलहाल भी मीटिंग चल रही है. राज्य पुलिस के डीजीपी एसके वेद केंद्रीय गृह सचिव को हालात के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
दरअसल पिछले दो दिन में जो तीन बैंक लूटे गए वो भी दक्षिण कश्मीर में ही हैं. जो मंत्रालय तक ख़बरें पहुंची हैं उनके मुताबिक़ जब आतंकियों ने पुलिस वालों से हथियार छीने तब पुलिस वालों ने बिलकुल रोक-टोक नहीं की."
कैसे पुलिस वालों ने अपने हथियार आतंकियों को सौंप दिए?
मंत्रालय के एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, हथियार तो पुलिस वालों के पास थे. कैसे उन्होंने अपने हथियार उन्हें सौंप दिए. ये जांच का विषय है. हालाँकि राज्य पुलिस तर्क दे रही है कि आतंकी सॉफ़्ट टार्गट पर अटैक कर कर रही है.
इस बार सुरक्षा बलों ने रिएक्शन नहीं दिया, एक्शन लिया है
जानकारी मिली है और कहा जा रहा है कि अब तक का यह सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया है. पुलिस ने दो दर्जन से ज्यादा गांवों को घेर लिया है. पुलिस ने सारी तैयारी कर ली है. इस बार सुरक्षा बलों ने रिएक्शन नहीं दिया, एक्शन लिया है. रैपिड एक्शन फोर्ट की टुकड़ी को भी तैनात किया गया है. अकसर देखा गया है कि कई लोगों आतंकियों को बचाने के लिए सड़क पर उतर आते हैं. इसी वजह से पुलिस ने पहले ही सारी तैयारी कर ली है. बता दें कि कुछ दिन पहले राज्य में आतंकियों ने बैंकों में भी डाका टाला, कई कैश वैन को भी लूटा है. इसके अलावा कुछ आतंकियों ने थाने पर भी धावा बोला था और हथियार लूट के ले गए थे.
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार पुलिस बल के कुछ गांवों में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा जहां पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है. कुछ असामाजिक तत्त्वों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दिया था यह बयान
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान ने भारतीय जवानों से बर्बरता के पीछे पाकिस्तान की सेना का हाथ होने से इनकार किया है. जेटली ने कहा कि पाकिस्तान के इनकार पर यकीन करने की कोई वजह नहीं है. पाक सेना की मदद के बिना ये संभव नहीं था. साथ ही रक्षा मंत्री ने लोगों से भारतीय सेना पर भरोसा बनाए रखने की अपील की है. इससे पहले बुधवार को भारत ने पाक उच्चायुक्त को तलब कर जवानों के साथ हुई कायराना हरकत में पाक सेना का हाथ होने के पर्याप्त सबूत दिए. साथ ही जिम्मेदार कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान की कार्रवाई पर भारत द्वारा संभावित जवाब से जुड़े सवाल के उत्तर में कहा, अपनी सेना पर भरोसा रखिए. जेटली ने कहा कि दो सैनिकों का हत्या करने और उनके शरीर के साथ बर्बरता करने वालों को बचाने के लिए बचाव गोलीबारी की गई और पाकिस्तान ने हमलावरों को भागने में मदद की.
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