जम्मू-कश्मीर में परिसीमन (Jammu Kashmir Delimitation) के तहत विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण का मुद्दा गरमा गया है. परिसीमन के प्रस्ताव के अनुसार, जम्मू में छह नई और कश्मीर में एक नई विधानसभा सीट का प्रस्ताव है. इसको लेकर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है. केंद्रशासित प्रदेश के लिए विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से तय करने के मकसद से गठित परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में 6 नई सीटें और कश्मीर में एक और सीट का प्रस्ताव रखा है. नेशनल कान्फ्रेंस जैसे दलों ने इस पर आपत्ति जताई.
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इन दलों ने आयोग पर आरोप लगाया कि वो बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को उसकी सिफारिशों के तहत तय करने की अनुमति दे रहा है. पीडीपी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जिसे बीजेपी के करीबी माना जाता है, ने भी आयोग के मसौदे की सिफारिशों का कड़ा विरोध किया, जो जम्मू कश्मीर के चुनावी नक्शे को बदल देगी. कश्मीर संभाग में फिलहाल 46 और जम्मू में 37 सीट हैं.
Mantri ji, J&K stretches beyond Jammu city & the plains of Jammu. Can you please find out what is happening in the far flung areas of Jammu? J&K also includes Kashmir and things are not nearly as rosy as your answer would suggest. https://t.co/pyaDyy3IKL
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 20, 2021
सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में एसटी के लिए 9 सीट और एससी के लिए 7 सीट का प्रस्ताव रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग की सोमवार को दूसरी बैठक हुई थी. जम्मू-कश्मीर के पांच लोकसभा सांसद आयोग के सहयोगी सदस्य और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा इसके पदेन सदस्य हैं. नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत पार्टी के 3 सांसद पहली बार आयोग की बैठक में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह सहित बीजेपी के दो सांसद भी बैठक में मौजूद थे. सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक दलों से सीट संख्या में प्रस्तावित वृद्धि पर 31 दिसंबर तक अपनी राय देने को कहा गया है. पांच दलों वाले गुपकर गठबंधन के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि वो समूह के साथ-साथ अपनी पार्टी के सहयोगियों को आयोग के विचार-विमर्श के बारे में जानकारी देंगे.
This is an absolute lie. There is no truth to what he is saying. JKNC MPs have expressed complete resentment on the delimitation commission draft on seat sharing. We expect Daily Excelsior to cross check the statement before pushing it. https://t.co/iqlWlXQT2i
— Imran Nabi Dar (@ImranNDar) December 20, 2021
अब्दुल्ला ने कहा कि हम पहली बार बैठक में शामिल हुए क्योंकि हम चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर की जनता की आवाज सुनी जाए. परिसीमन आयोग को अपनी राय भेजने से पहले अपने वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ सलाह मशविरा किया जाएगा. हमें उन विधानसभा सीटों के बारे में भी नहीं बताया गया है, जो वे एससी-एसटी के लिए आरक्षित कर रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि यह बेहद निराशाजनक है कि आयोग ने आंकड़ों की बजाय बीजेपी के सियासी एजेंडे को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ किया है. जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए सिर्फ 1 नया विधानसभा क्षेत्र तो 2011 की जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से उचित नहीं है. पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने भी आयोग के प्रस्ताव को खारिज किया है.
बुखारी ने कहा, अपनी पार्टी जनसंख्या और जिलों के आधार पर बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष परिसीमन की मांग करती है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आयोग केवल धार्मिक और क्षेत्रीय आधार पर लोगों को बांट कर बीजेपी के राजनीतिक हितों को साधने के लिए बनाया गया है. असली रणनीति जम्मू-कश्मीर में ऐसी सरकार बनाने की है , जो अगस्त 2019 के गैरकानूनी और असंवैधानिक निर्णयों को कानूनी शक्ल देने का काम करेगी.
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